इस अवसर पर डॉ महेश शर्मा ने नॉन मेडिकोज (गैर चिकित्सक) द्वारा किए जाने वाले कार्यों की सराहना की और आशा व्यक्त की कि इस पुस्तक से स्वास्थ्य कर्मी प्रेरणा लेंगे और अपनी उत्तम सेवाएं देकर समाज को लाभान्वित करेंगे।
जब पूरा देश कोविड महामारी से जूझ रहा था तब डॉक्टरों के साथ साथ गैर चिकित्सक यानी नॉन मेडिकल स्टाफ ने भी अपनी जान खतरे में रखकर मरीजों की जान बचाई।
इस पुस्तक में श्री विश्वबंधु जोशी ने लिखा है कि अस्पताल में सर्वोत्तम चिकित्सा उपचार के लिए जहां औसतन 30 से 35 प्रतिशत चिकित्सक काम करते है वहीं 65 से 70 प्रतिशत नॉन मेडिकोज भी काम करते हैं, जिनमें प्रशासक, प्रबंधक, फार्मासिस्ट, पैरामेडिकल स्टाफ आदि शामिल हैं। सही मायनों में दोनों एक दूसरे के पूरक हैं।
लेकिन जब समाज सेवा के लिए सम्मान आदि की बात होती है तो चिकित्सकों को उनके स्वास्थ्य सेवा में योगदान के लिए पुरस्कार/सम्मान दिया जाता है जबकि गैर चिकित्सकों का योगदान किसी से भी कम नही होता।
लेखक ने किताब में अस्पताल के विभिन्न विभागों और उनके सामने आने वाली समस्याओं पर भी चर्चा की है। इसमें विस्तार से बताया गया है कि कैसे अस्पताल प्रशासन समस्याओं और चुनौतियों का सामना करता है और उसका समाधान निकालता है ।
वे अपनी किताब में लिखते हैं कि स्वास्थ्य सेवा के क्षेत्र में नॉन मेडिकोज के अमूल्य योगदान को मान्यता दी जानी चाहिए। इस विषय में नॉन मेडिकोज द्वारा किये जाने वाले कार्य से संबंधित सेमिनार आदि होने चाहिए तथा डाॅक्टर्स डे व नर्सेस डे की तरह ही नान मेडिकोज डे भी मनाया जाना चाहिए।
विश्व बंधु जोशी, नोएडा के कैलाश ग्रुप आफ हॉस्पिटल्स में वरिष्ठ प्रबंधक हैं। उन्हें स्वास्थ्य सेवा क्षेत्र में 20 वर्ष से अधिक का अनुभव है। पुस्तक का प्रकाशन ब्लू रोज पब्लिशर (दिल्ली, लंदन) द्वारा किया गया है।
Today, launched the book "Hospital Administration from the Perspective of Non-Medical Executives – The Unsung Heroes", written by Shri Vishwa Bandhu Joshi ji, working at Kailash Hospital for more than 2 decades.
My best wishes to him. pic.twitter.com/WhGdrEhesY
— Dr. Mahesh Sharma (मोदी का परिवार) (@dr_maheshsharma) December 18, 2021
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