RELIGIOUS

पर्व की सार्थकता तभी है जब हमारे अन्तर्मन मे परिवर्तन हो :मुनि श्री निस्पृहसागरजी महाराज

खातेगांव म.प्र:  मुनि श्री निस्पृहसागरजी महाराज ने कहा पर्युषण पर्व की सार्थकता तभी है जब हमारे अन्तर्मन में परिवर्तन हो। श्रावक और साधु धर्मरूपी रथ के दो पहिए है। जो श्रावक सन्तोषी है वही शौच धर्म का पालन कर लोभ से निवृति कर सकता है। साधु व श्रावक दोनो लोभी है होते है किंतु साधु […]