बरसात में संक्रामक बीमारियों से बचने स्वास्थ्य अधिकारी द्वारा एडवाइजरी जारी कर दी गई है। जारी एडवाईजरी के अंतर्गत कोविड-19 कोरोना महामारी के अलावा वर्तमान समय में बरसात के समय में जलजनित बीमारी होने की संभवना हो सकती है। बरसात में अक्सर दस्त, उल्टी, बुखार, आव, पेट दर्द, पेचिस, पीलिया, टाइफाइड, डायरिया जैसी बीमारियां होती हैं। बीमारी से बचने के लिए सावधान रहें, बीमार न हों इसके उपाय करें एवं स्वास्थ्य रहें।
बीमारी से कैसे बचें –
उल्टी, दस्त, पेचिस, आव, संक्रामक बीमारी से बचने के लिए ताजा भोजन का सेवन करें। शुद्ध पानी पीयें, कुऐं, नदी, नाला का पानी न पीयें, पानी क्लोरीनेशन कर के पीयें, सड़ी-गली सब्जी, फल, बासा खाना न खायें, मांस का उपयोग बरसात के दिनों में सेवन न करें। व्यक्तिगत स्वच्छता अपनायें, खाने के चीजों को छूने से पहले साबुन से अच्छी तरह हाथ धोयें, संक्रमित चीजों को छूने के बाद साबुन से अच्छी तरह हाथ धोयें, भोजन खाने के पहले या शौच के बाद हाथों को अच्छी तरह साबुन से धोयें, स्वच्छ शौचालय का उपयोग करें।
उपचार –
डॉ. के परामर्श से उल्टी, दस्त के लिए टेबलेट फ्यूराजोलाडिन, मेट्रोजिन डायक्लोमिन, मेट्रोक्लोरापामाइड, जिंक, ओ.आर.एस. का घोल, खीरा, दही, सिकंजी, चावल का पानी तथा तरल पदार्थ का अधिक मात्रा में सेवन करें।
सुझाव –
दस्त से संबंधित संक्रामक बीमारी होने पर नजदीकी अस्पताल जायें, ग्राम स्तर में आशा कार्यकर्ता डीपो होल्डर के माध्यम से जीवन रक्षक दवाइयां प्राप्त करें।
बरसात के दिनों में वेक्टर जनित रोग जैसे मलेरिया, डेंगु, चिकुनगुनिया, फायलेरिया जैसे गंभीर बीमारी होती है। गंदा पानी, नाली, गडढों में पानी एकत्रित होने से मच्छर के लारवा से अण्डें पनपते हैं।

मलेरिया –
मादा एनाफिलिस मच्छर के काटने से मलेरिया होता है। डेंगू – डेंगू का लारवा साफ पानी में पैदा होता है जैसे कूलर, टूटे हुए टायर, टंकी में एडीज मच्छर के लारवा पनपते है। एडीज मच्छर के काटने से डेंगू होता है। चिकुनगुनिया – इसका वायरस सीधे हडडी पर अटैक करता है जिसे असहनीय दर्द होता है।
मलेरिया, डेंगू, चिकुनगुनिया, फायलेरिया कैसे बचें
घर के आस-पास की सफाई रखें, पानी इकटठा न होने दें, गडडों को भरे जायें, टायर, कबाड़ सामान ढंक्कर रखें। इनमें पानी इकट्ठा नहीं होने दें, कूलर व टंकी का पानी को एक सप्ताह में खाली करें, नीम का धुआं करें, शाम के समय खिड़की दरवाजा बंद रखें, रात्रि में सोते समय मच्छरदानी का उपयोग करें। पूरी आस्तीन के कपडे़ पहनें।
मच्छर भगाने वाले साधन
जैसे- क्रीम, क्वाइल, रिपेलेन्ट इत्यादि का उपयोग करें। टायर, कबाड़ सामान ढंक्कर रखें। इनमें पानी इकट्ठा नहीं होने दें। बुखार आने पर तत्काल स्वास्थ्य केन्द्र में जांच करायें। .