Covid-19 महामारी को लेकर लागू देशव्यापी लॉकडाउन के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को अपने रेडियो कार्यक्रम Mann Ki Baat को संबोधित किया। पीएम मोदी ने अपने संबोधन की शुरुआत में लोगों से असुविधा के लिए क्षमा मांगी, लेकिन लॉकडाउन को जरूर बताया। उन्होंने कहा कि खासतौर पर गरीब लोगों को परेशानी हो रही है। हो सकता है कुछ लोग मुझसे नाराज हो, लेकिन यह जरूरी है। इस दौरान पीएम ने कोरोना वायरस पीड़ितों के परिजन और डॉक्टरों से भी बात तथा उनका उत्साह बढ़ाया। पढ़िए पीएम के संबोधन की बड़ी बातें –
सबसे पहले मैं सभी देशवासियों से क्षमा मांगता हूं। और मेरी आत्मा कहती है की आप मुझे जरुर क्षमा करेंगे क्योंकि कुछ ऐसे निर्णय लेने पड़े हैं जिसकी वजह से आपको कई तरह की कठिनाईयां उठानी पड़ रही हैं। बहुत से लोग मुझसे नाराज भी होंगे कि ऐसे कैसे सबको घर में बंद कर रखा है। मैं आपकी दिक्कतें समझता हूं, आपकी परेशानी भी समझता हूं लेकिन भारत जैसे 130 करोड़ की आबादी वाले देश को, कोरोना के खिलाफ लड़ाई के लिए, ये कदम उठाए बिना कोई रास्ता नहीं था।
कोरोना वायरस ने दुनिया को कैद कर दिया है। ये ज्ञान, विज्ञान, गरीब, संपन्न कमजोर, ताकतवर हर किसी को चुनौती दे रहा है। ये ना तो राष्ट्र की सीमाओं में बंधा है, न ही ये कोई क्षेत्र देखता है और न ही कोई मौसम।
हमारे यहां कहा गया है- ‘एवं एवं विकार, अपी तरुन्हा साध्यते सुखं’ यानि बीमारी और उसके प्रकोप में शुरुआत में ही निबटना चाहिए। बाद में रोग असाध्य हो जाते हैं, तब इलाज भी मुश्किल हो जाता है। आज पूरा हिन्दुस्तान, हर हिन्दुस्तानी यही कर रहा है।
मैं जानता हूं कि कोई कानून नहीं तोड़ना चाहता, लेकिन कुछ लोग ऐसा कर रहे हैं क्योंकि अभी भी वो स्थिति की गंभीरता को नहीं समझ रहे। अगर आप Lockdown का नियम तोड़ेंगे तो वायरस से बचना मुश्किल होगा।
कुछ लोगों को लगता है की वो लॉकडाउन का पालन कर रहे हैं तो ऐसा करके वो मानो जैसे दूसरों की मदद कर रहे हैं, ये भ्रम पालना सही नहीं है।ये लॉकडाउन आपले खुद के बचने के लिए है। आपको अपने को बचाना है, अपने परिवार को बचाना है।
जो हमारे Front line soldiers हैं। खासकर के हमारी नर्सेज बहनें हैं, नर्सेज का काम करने वाले भाई हैं, डॉक्टर हैं, पैरा मेडिकल स्टाफ हैं, ऐसे साथी जो कोरोना को पराजित कर चुके हैं। आज हमें उनसे प्रेरणा लेनी चाहिए।
जो हमारे Front line soldiers हैं। खासकर के हमारी नर्सेज बहनें हैं, नर्सेज का काम करने वाले भाई हैं, डॉक्टर हैं, पैरा मेडिकल स्टाफ हैं, ऐसे साथी जो कोरोना को पराजित कर चुके हैं। आज हमें उनसे प्रेरणा लेनी चाहिए।
साथियों हमारे यहां तमाम साथी आपको, पूरे देश को इस संकट से बाहर निकालने में जुटे हैं। ये जो बाते हमें बताते हैं उन्हें हमें सुनना ही नहीं है, बल्कि उन्हें जीवन में उतारना भी है।
मानवता से भरी हुई हर नर्स को आज मैं नमन करता हूं। आप सभी जिस सेवा भाव से कार्य करते हैं वो अतुलनीय है, ये भी संयोग है कि वर्ष 2020 International year of the nurses and midwife के तौर पर मना रहा है।
आप जैसे साथी चाहे वो डॉक्टर हों, नर्स हों, पैरा मेडिकल, आशा, एएनएम कार्यकर्ता, सफाई कर्मचारी हो आपके स्वास्थ्य की भी देश को बहुत चिंता है। इसी को देखते हुए ऐसे करीब 20 लाख साथियों के लिए 50 लाख रुपये तक के स्वास्थ्य बीमा की घोषणा सरकार ने की है।
जरा आप अपने पड़ोस में मौजूद छोटी परचून की दुकान के बारे में सोचिए, उन drivers, उन workers के बारे में सोचिये, जो बिना रुके अपने का में डटे हैं ताकि देश भर में आवश्यक वस्तुओं की suppy-chain में कोई रुकावट ना आये।
जरा सोचिये की आप lockdown के समय भी जो TV देश पा रहे हैं, घर में रहते हए जिस phone और internet का इस्तेमाल कर रहे हैं – उन सब को सुचारू रखने के लिए कोई न कोई अपनी जिंदगी खपा रहा है।