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अतिशय क्षेत्र श्री महावीर जी स्थित मूलनायक 1008 भगवान श्री महावीर स्वामी की प्रतिमा का 24 वर्ष बाद होगा मस्तकाभिषेक

अतिशय क्षेत्र श्री महावीर जी मे अतिशयकारी एवं मूलनायक भगवान महावीर स्वामी जी की प्रतिमा का मस्तकाभिषेक महोत्सव वर्ष 2022 के  24 नवंबर 2022 से 30 नवंबर 2022 तक आचार्य श्री वर्द्धमान सागर जी ससंघ के मंगल सान्निध्य में होगा ।

अतिशय क्षेत्र श्री महावीर जी मे मूलनायक 1008 भगवान श्री महावीर स्वामी की प्रतिमा का मस्तकाभिषेक वर्ष 2022 के 24 नवंबर से 30 नवंबर तक परम पूज्य पंचम पट्टाधीश वात्सल्य वारिधि आचार्य श्री 108 वर्द्धमान सागर जी महाराज ससंघ के मंगल सान्निध्य में सम्पन्न होगा।
राजस्थान स्थित दिगम्बर जैन अतिशय क्षेत्र श्री महावीरजी दिगम्बर जैन श्रद्धालुओं की आस्था का एक बड़ा केंद्र है। वर्ष 1998 में श्री महावीर जी स्थित 1008 भगवान श्री महावीर स्वामी की मूलनायक प्रतिमा का अभिषेक आचार्य 108 श्री विद्यानंद जी महाराज के मंगल सान्निध्य में आयोजित किया गया था। दिगम्बर जैन अतिशय क्षेत्र श्री महावीर जी स्थित मूलनायक 1008 भगवान श्री महावीर स्वामी की प्रतिमा का पुनः मस्तकाभिषेक 24 वर्ष बाद सन 2022 में 24 नवंबर से 30 नवंबर तक आयोजित किया जाएगा। उक्त घोषणा कर्नाटक के कोथली में 14 नवंबर 2021 को आचार्य श्री वर्द्धमान सागर जी महाराज के मंगल सान्निध्य मे आयोजित सभा मे की गई।
कार्यक्रम सभा के पूर्व प्रातःकाल की बेला में कोथली में नव निर्मित “वात्सल्य वारिधि आचार्य वर्धमान सागर भवन, हाल” का लोकार्पण किशनगढ़ के श्रेष्ठी श्री अशोक जी पाटनी (R K Marble) द्वारा किया गया। मुख्य मंदिर में मूलनायक भगवान श्री आदिनाथ स्वामी की वेदी का जीर्णोद्धार जयपुर के श्रेष्ठी श्री पूनम चंद जी प्रभा देवी शाह के सहयोग से किया गया।

सभा का मंगलाचरण संघस्थ ब्र. पूनम दीदी द्वारा किया गया। दीप प्रज्वलन मस्तकाभिषेक महोत्सव समिति के शिरोमणि संरक्षक श्री अशोक जी पाटनी, अध्यक्ष श्री सुधांशू काश्लीवाल, कार्याध्यक्ष श्री विवेक काला, सह संयोजक श्री सुरेश सबलावत, महावीर जी कमिटी के ट्रस्टी श्री हेमंत सौगानी, बंगलोर के श्री अनिल जी सेठी, अहमदाबाद के श्री राजेन्द्र जी कटारिया, संजय जी पापडीवाल आदि गणमान्य व्यक्तियों द्वारा किया गया। तत्पश्चात समस्त पूर्वाचार्यों को अर्घ समर्पण जयपुर के श्री राजेश जी सेठी, बंगलोर के श्री अशोक जी सेठी और निहाल जी ठोल्या, विनोद जी धाकड़ा, सुनील जी, समर जी कंथली, पारस जी गंगवाल, विनोद जी कुवैत, तथा इचलकरंजी के धनराज जी बाकलीवाल, छीतरमल जी पाटनी एवं गणमान्य जनों द्वारा किया गया। गुरु पूर्णिमा के अवसर पर गुरु कलश की स्थापना करने वाले श्री राजेन्द्र जी सुमन जी छाबड़ा गुवाहाटी, सरोज जी सरिता जी बगड़ा सेलम वालों ने आचार्य श्री के कर कमलों से गुरु कलश को प्राप्त किया। चातुर्मास कलश कोलकाता मुम्बई के श्री प्रकाश जी सरला जी पाटनी ने प्राप्त किया।

महोत्सव समिति के शिरोमणि संरक्षक श्री अशोक जी पाटनी ने आचार्य संघ से महोत्सव हेतु सान्निध्य प्रदान करने के लिए और वर्ष 2022 का चातुर्मास श्री महावीर जी क्षेत्र पर करने का निवेदन करते हुए कहा कि हे “आचार्य श्री पूरा राजस्थान आपके लिए पलक पावड़े बिछा कर रखा है, अब आप राजस्थान श्री महावीरजी की ओर विहार करें।”तत्पश्चात उपस्थित समस्त सभासदों ने आचार्य संघ और महिमा सागर जी महाराज और सरस्वती माताजी संघ के चरणों मे श्री फल भेंट कर निवेदन किया। मंच संचालन करते हुए कोलकाता के राकेश जी सेठी ने बताया कि आचार्य श्री के गर्भ में आने के पूर्व उनकी माता ने श्री महावीर जी के दर्शन कर मनोती मांगी थी और आचार्य श्री की दीक्षा भी श्री महावीर जी मे ही हुई थी। उन्होंने अर्ज करते हुए कहा कि” चाँदनपुर भी राह वर्द्धमान की तकता है, श्री महावीर को वर्द्धमान की आवश्यकता है।” तत्पश्चात राकेश जी ने प्रतिष्ठाचार्य श्री हंसमुख जी शास्त्री द्वारा महोत्सव हेतु सुझावित तीन मुहूर्त सभी के सामने रखते हुए आचार्य श्री से निवेदन किया की हे आचार्य भगवन हम सभी की भावनाओं का अतिरेक अब रोकने से नही रुक रहा है अब समस्त जैन समाज चाहती है कि मस्तकाभिषेक का अवसर जल्द से जल्द प्राप्त हो, आप धर्म, न्याय, नीति, स्थिति सभी के ज्ञाता है अतः आप इन सभी को ध्यान में रखते हुए अतिशीघ्र महोत्सव हेतु उपयुक्त मुहूर्त की घोषणा करें।

महोत्सव में भव्य पंचकल्याणक समारोह भी होगा

अध्यक्ष श्री सुधांशू जी कश्लिवाल ने महोत्सव सम्बंधी जानकारियां देते हुए बताया कि महोत्सव में भव्य पंचकल्याणक समारोह भी होगा और आचार्य संघ के साथ साथ त्यागी वृन्द और आगंतुक श्रद्धालुओं हेतु आवास, आहार, भोजन आदि की समुचित व्यवस्था हेतु तैयारियाँ प्रारम्भ कर दी गई है। उन्होंने आगे बताया कि पद्मविभूषण डॉ डी वीरेंद्र जी हेगड़े ने हमारे निवेदन को स्वीकार करते हुए महोत्सव के परम शिरोमणि संरक्षक पद को ग्रहण करते हुए हमारा गौरव और मनोबल बढ़ाया है और वे पूर्व नियोजित कार्यक्रम के कारण आज की सभा में नही पधार सके और उन्होंने श्रीधर जी, श्रेणिक जी, सुभाष जी आदि को अपने प्रतिनिधि के रूप में सभा मे भेजा है, हम आदरणीय श्री हेगड़े जी के प्रति हार्दिक धन्यवाद और आभार प्रकट करते है।

उन्होंने आगे बताया कि महोत्सव हेतु प्रतिष्ठाचार्य श्री हंसमुख जी शास्त्री की सेवाएं प्राप्त होंगी और महोत्सव के गौरवाध्यक्ष जयपुर के श्री नरेश जी सेठी है। उन्होंने आगे कहा कि श्रवणबेलगोला महामस्तकाभिषेक और आचार्य श्री शांति सागर महाराज मुनि दीक्षा शताब्दी समारोह जैसे अंतराष्ट्रीय स्तर के कार्यक्रमों में स्तम्भ के रूप में जिन्होंने कार्य किया, बेलगाम के ऐसे श्री विनोद जी दोड्डन्नवार, पुष्पक जी, अभिनदंन जी राजेन्द्र जी और राजू जी को महोत्सव को सफल बनाने हेतु महत्वपूर्ण जिम्मेदारी निभानी है। भारतवर्षीय दिगम्बर जैन महासभा के महामंत्री श्री प्रकाश जी बड़जात्या ने महोत्सव में महासभा की ओर से सभी प्रकार का सहयोग प्रदान करने का आश्वासन देते हुए कहा कि महासभा की समस्त इकाई के सभी पदाधिकारी और कार्यकर्ता महावीरजी महोत्सव में तन मन धन से अपनी सेवाएं प्रदान करेंगे। तत्पश्चात प्रबंधकारिणी समिति और उपस्थित गणमान्य जनों ने आचार्य श्री के पाद प्रक्षालन किये और आचार्य भगवन की पूजन की।

आचार्य श्री 108 वर्द्धमान सागर जी महाराज ने आशीर्वाद प्रदान करते हुए कहा कि श्री क्षेत्र महावीर जी मे ही हमारी मुनि दीक्षा सम्पन्न हुई और वर्द्धमान की भूमि होने की वजह से ही शायद गुरुदेव ने दीक्षा के समय हमारा नामकरण वर्द्धमान सागर किया। आचार्य श्री ने आगे कहा कि महावीरजी क्षेत्र के दर्शन लगभग 22 वर्ष पूर्व किये थे, और अब पुनः दर्शन लाभ का अवसर आने वाला है।

आचार्य श्री ने कहा बेलगाम से श्री महावीर जी की दूरी बहुत है और मस्तकाभिषेक का कार्य भी हिमालय जैसा ऊंचा कार्य है, इसीलिए संघ मस्तकाभिषेक में सान्निध्य प्रदान करने हेतु आज 14 नवंबर को भगवान श्री आदिनाथ के श्री चरणों से भगवान महावीर स्वामी की भूमि के लिए विहार करेगा। तत्पश्चात आचार्य श्री ने कहा कि राजस्थान के वातावरण, जलवायु, परिस्थिति आदि सभी को देखते हुए “मस्तकाभिषेक महोत्सव 24 नवंबर 2022 से 30 नवंबर 2022 तक आयोजित होगा।”
आचार्य श्री ने जैसे ही मस्तकाभिषेक महोत्सव की तारीख की घोषणा की वैसे ही भगवान महावीर स्वामी और आचार्य श्री की जयकारों से आकाश गुंजायमान हो उठा।

कोथली समाज की ओर से श्री अशोक जी पाटनी और सुधांशु जी काश्लिवाल का अभिनदंन किया गया। महोत्सव समिति ने आचार्य संघ के प्रति समर्पित गज्जू भैया और तारा देवी सेठी का विशेष अभिनदंन किया गया।

आचार्य संघ ने कोथली से आहार पश्चात दोपहर की बेला में मंगल विहार प्रारम्भ किया।

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