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Lock Down 4: गृह मंत्रालय ने अब 5 Zone में बंटा देश, जानिए क्या है इनका मतलब

आज केंद्र सरकार ने लॉकडाउन 4 को 31 मई तक बढ़ा दिया है। साथ ही केंद्रीय गृहमंत्रालय की ओर से जारी  गाइडलाइन मे  अब पूरे देश को पांच जोन में बांट दिया गया है। ये जोन हैं – Red Zone, Green Zone, Orange Zone, Containment Zone और Buffer Zone. लॉकडाउन 3 के समय देश 4 जोन में बांटा गया था। अब Buffer Zone  जुड़ गया हैं। कोरोना वायरस के केस सामने आने की दर के हिसाब से राज्य तय करेंगे कि उन्हें कहां कौन सा जोन लगाना हैं। साथ ही राज्य ही तय करेंगे कि किस जोन में किस तरह की पाबंदियां रहेंगी और किस तरह की सुविधाएं मिलेंगी।

1. Red Zone: वे इलाके जहां कोरोना वायरस के सबसे ज्यादा केस सामने आए हैं या आ रहे हैं, उनके सरकार ने रेड जोन में रखा है। यहां सख्त पाबंदियां लागू हैं और आगे भी रहेंगी। लोगों को घरों में ही रहने होगा, सिर्फ जरूरी काम होने पर ही बाहर निकल सकते हैं। 10 साल से छोटे और 65 साल से अधिक उम्र के लोगों को घरों से बाहर निकला बंद रहेगा।

2. Orange Zone: ऑरेंज जोन में वे इलाके हैं जहां कोरोना के केस तो सामने आ रहे हैं, लेकिन लगातार सुधार भी हैं। स्थानीय प्रशासन ने यहां कई तरह की छूट दी है। इन इलाकों में प्रशासन द्वारा लॉकडाउन, सील या फिर अन्य एहतियाती कदम उठाए गए हैं।

3. Green Zone: ग्रीन जोन वे इलाके हैं जो कोरोना संक्रमण से मुक्त हैं। यहां के लोगों की जिंदगी बाकी जोन की तुलना में बहुत आसाना है। लगभग सभी तरह की सुविधाएं चालू हैं। हालांकि लोगों को बाहर निकलने पर मास्क लगाना और फिजिकल डिस्टेंसिंग का पालन करना जरूरी है।

4. Buffer Zone: बफर जोन वे जिले हैं जो रेड जोन वाले जिले से सटे हैं। सरकार को आशंका है कि इन जिलों पर ढिलाई बरतने पर पड़ोस के जिले के रेड जोन का असर यहां भी हो सकता है। इसलिए ऐसे जिलों को अलग जोन में बांटकर नजर रखी जा रही है, ताकि यहां नए केस आने से बचाया जा सके।

5. Containment Zone: यह ऐसे इलाके हैं जहां कोरोना संक्रमण केस में लगातार उतार-चढ़ाव आ रहा है। यानी कभी नए केस कम आ रहे हैं तो कभी बहुत ज्यादा केस आ रहे हैं।

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