हिंदुस्तान के पांच राज्यों और दो केंद्र शासित प्रदेशों में स्थित भारत के 8 समुद्र तटों को “ब्लू फ्लैग” प्रमाण पत्र से सम्मानित किया जाना भारत के लिए एक गौरव का क्षण है। प्रमाण पत्र देने का निर्णय एक अंतरराष्ट्रीय निर्णायक समिति ने किया, जिसके प्रतिष्ठित सदस्यों में यूएनईपी, यूएएनडब्ल्यूटीओ, एफईई, आईयूसीएन शामिल थे।
अंतरराष्ट्रीय स्तर पर देश के समुद्री तटों को पहली बार ये मान्यता मिली है। इसके साथ ही हमारा देश भी उन 50 देशों की लिस्ट में शामिल हो गया, जिनके पास ये फ्लैग है। बता दें कि ये मान्यता दुनिया के सबसे साफ-सुथरे बंदरगाहों को दी जाती है।
“ब्लू फ्लैग” से सम्मानित समुद्र तट हैं -शिवराजपुर (द्वारका-गुजरात), घोघला (दीव), कासरकोड और पादुबिद्री (कर्नाटक), कप्पड़ (केरल), रुशिकोंडा (आंध्र प्रदेश), गोल्डन (पुरी-ओडिशा) और राधा नगर (अंडमान-निकोबार द्वीपसमूह)।
भारत को तटीय क्षेत्रों में प्रदूषण नियंत्रण के लिए “अंतर्राष्ट्रीय सर्वश्रेष्ठ कार्य प्रणालियों” के तहत अंतर्राष्ट्रीय निर्णायक समिति द्वारा तृतीय पुरस्कार से सम्मानित किया गया है।
स्वच्छ समुद्री तटों के लिए मिलने वाला ये सम्मान डेनमार्क का ‘फाउंडेशन फॉर एनवायरमेंट एजुकेशन’ (FEE) देता है। ये संस्था ग्लोबल स्तर पर अपनी पारदर्शिता और सख्त मापदंडों के लिए जानी जाती है, जो बिना फर्क समुद्री तटों की बारीकी से पड़ताल करती और तब उन्हें फ्लैग देती है। कुल 33 अलग-अलग मापदंडों पर समुद्री तट की पड़ताल होती है।
किन तटों को मिली मान्यता
अब तक देश के किसी भी समुद्री तट को इतना स्वच्छ नहीं माना गया था कि उसे ब्लू फ्लैग मिल सके। साल 2018 में देश के पर्यावरण मंत्रालय ने 13 समुद्री तटों को ब्लू फ्लैग के करीब पाया और इनमें से भी 8 तटों के नाम डेनमार्क भेजे गए। वहां संस्था ने इन सभी 8 समुद्र तटों को अपने मानकों पर खरा पाया और ये फ्लैग दिया। ये फ्लैग पाने वाले बीचों में शिवराजपुर (गुजरात), घोघला (दीव), कासरकोड और पदुबिद्री (दोनों कर्नाटक में), कप्पड़ (केरल), रुशिकोंडा (आंध्र), गोल्डन (ओडिशा) और राधानगर (अंडमान) हैं। साथ ही देश को समुद्री तटों की स्वच्छता बनाए रखने की कोशिश के लिए थर्ड इंटरनेशनल बेस्ट प्रैक्टिस अवार्ड भी मिला।
एशिया में 4 ही देश इसके योग्य
वैसे बता दें कि एशिया में भारत को मिलाकर केवल 4 देशों के पास ब्लू फ्लैग आ सका है। इनमें जापान, यूएई और साउथ कोरिया हैं। ब्लू फ्लैग सूची के तहत फिलहाल स्पेन के पास दुनिया में सबसे ज्यादा 566 समुद्री तट हैं जो साफ हैं, जबकि ग्रीस के 515 और फ्रांस के 395 तटों को यह दर्जा मिला हुआ है। यानी इन तटों में प्रदूषण का स्तर काफी कम है।
स्पेन हमेशा सबसे आगे
समुद्री तटों को स्वच्छ बनाने की मुहिम चलाने वाली संस्था FEE एक गैर-सरकारी संस्था है, जिसके 60 सदस्य देश हैं। हर साल FEE अपने सदस्य देशों के तटों को स्वच्छता के आधार पर चुनती और फ्लैग देती है। साल 1987 से तटों को साफ बनाने के लिए प्रोत्साहित करने को दिए जाने वाले इस पुरस्कार में स्पेन शुरुआत से ही सबसे आगे रहा है। बता दें कि ये देश पिछले तीन दशकों से लिस्ट में सबसे ऊपर रहा, यानी यहां के समुद्र तट सबसे साफ-सुथरे माने जाते हैं।
किन मानकों पर मिलता है फ्लैग
ब्लू फ्लैग का खिताब किसी समुद्र तट को यूं ही नहीं मिलता, बल्कि इसके लिए 33 मानकों पर खरा उतरना होता है। इसमें पानी का स्वच्छ होना ही काफी नहीं, बल्कि ये भी चेक किया जाता है कि बीच के आसपास लोगों की सुरक्षा का कैसा इंतजाम है। इसके लिए तट पर चौबीसों घंटे लाइफ गार्ड्स की तैनाती होनी चाहिए ताकि दुर्घटना रोकी जा सके। साथ ही दुर्घटना की स्थिति में फर्स्ट एड का भी बंदोबस्त हो।
साथ ही साथ पानी के भीतर रहने वाले जीव-जंतुओं और वनस्पति की सुरक्षा के बारे में सोचा जाता है। बीच की स्वच्छता बनाए रखने के लिए एक मैनेजमेंट कमेटी हो, जो लगातार इस बारे में आम जनता को सचेत करती रहे। बीच घूमने आने वालों के लिए डस्टबिन के लेकर सफाई के दूसरे इंतजाम हों। समुद्री तटों पर लोग कुत्ते टहलाने भी लाते हैं। लिहाजा ये ध्यान में रखना होता है कि पालतू जानवरों के लिए भी बीच के कुछ नियम हों, जिनका पालन पशु के मालिक को करना होता है।
India becomes the first country to be awarded coveted international #BlueFlag certification for 8 of its beaches in one attempt. pic.twitter.com/abfp3brE1K
— Prasar Bharati News Services पी.बी.एन.एस. (@PBNS_India) October 11, 2020
Rushikonda Beach, Andhra Pradesh – Famous for its golden sands, this beach, situated at around 8 km from Vizag city, is also a spot for water sports. pic.twitter.com/QfQ2QmvwT3
— PB-SHABD (@PBSHABD) October 11, 2020