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ICMR ने राज्यों से दो दिनों तक रैपिड टेस्टिंग किट का उपयोग न करने को कहा

राजस्थान में रैपिड टेस्टिंग किट को लेकर उठाए गए सवाल के बाद मेडिकल रिसर्च बॉडी ICMR ने राज्यों के लिए परामर्श जारी किया है। ICMR ने टेस्टिंग किट को लेकर मिल रही शिकायतों के बाद राज्यों से अगले 2 दिनों के लिए COVID-19 रैपिड किट का उपयोग नहीं करने को कहा है।

आईसीएमआर ने सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को अगले दो दिनों तक रैपिड टेस्ट किट इस्तेमाल नहीं करने का निर्देश दिया है। आईसीएमआर के मुताबिक, रैपिड टेस्ट को लेकर शिकायत मिली है, जिसके बाद टेस्टिंग पर रोक लगाई है।

आईसीएमआर के आर. गंगाखेड़कर ने बताया है कि, “राज्यों को दो दिनों के लिए रैपिड टेस्टिंग किट का इस्तेमाल नहीं करने की सलाह दी गई है। रिजल्ट में बहुत भिन्नताएं आ रहीं थीं, जिसके चलते ऑन ग्राउंड टीमों द्वारा किट परीक्षण के बाद 2 दिनों में एडवाइजरी जारी की जाएगी।” इसके साथ ही गंगाखेडकर ने बताया कि 4,49,810 सैंपलों का अब तक टेस्ट किया जा चुका है। 20 अप्रैल को 35,852 सैंपलों का टेस्ट किया गया जिनमें से 29,776 नमूनों का टेस्ट 201 ICMR नेटवर्क लैब में और बाकी 6,076 सैंपलों का टेस्ट 86 निजी प्रयोगशालाओं में किया गया।

राजस्थान ने पहले ही इस्तेमाल नहीं करने का लिया था फैसला

राजस्थान मे रैपिड टेस्टिंग किट का इस्तेमाल करना बंद कर दिया । राजस्थान के स्वास्थ्य मंत्री रघु शर्मा ने मंगलवार को जानकारी दी कि  त्रुटिपूर्ण नतीजे आने के बाद राज्य सरकार ने कोरोनावायरस के परीक्षण के लिए रैपिड टेस्टिंग किट का इस्तेमाल करना बंद कर दिया है। भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) को इसकी सूचना दे दी गई है। उन्होंने कहा है कि किट्स की एक्यूरेसी सिर्फ 5.4 प्रतिशत है।

एक्यूरेसी पर सवाल

राजस्थान के स्वास्थ्य मंत्री डॉ. रघु शर्मा ने बताया कि रैपिड टेस्टिंग किट का प्रभाव जानने के लिए एक कमेटी बनाई थी। इन किट्स की एक्यूरेसी90 फीसदी होनी चाहिए थी। लेकिन, यह महज 5.4 प्रतिशत ही आ रही है। टेस्टिंग के वक्त तापमान को लेकर जो गाइडलाइन थी, उसका भी पालन किया गया था। इसके बाद भी परिणाम सटीक नहीं हैं। शर्मा के अनुसार, “विशेषज्ञों की टीम नेसलाह दी है कि इस टेस्टिंग किट के इस्तेमाल से कोई फायदा नहीं है। ऐसे में रैपिड टेस्टिंग किट से जांच रोक दी गई है। अब पहले की तरहपीसीआर से जांच होगी। इसमें तेजी लाई जाएगी।”

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