दिल्ली प्रदेश राष्ट्रीय स्वयमसेवक संघ के अभिन्न अंग धर्म जागरण परिषद् दिल्ली प्रान्त के संयोजक लाल बिहारी तिवारी की अध्यक्षता में छठ महापर्व के सम्बन्ध में बैठक हुई, बाद में मिडिया प्रभारी व दिल्ली के गरीब मजदूर नेता गोपाल झा ने धर्म जागरण परिषद् की बैठक के बाद बताया कि दिल्ली सरकार द्वारा छठ महापर्व के चार दिन पहले अनुमति ना देना और सरकार द्वारा छठ महापर्व के महत्व को समझते हुए भी जानबूझकर इस तरह की लापरवाही बरतने की घोर निंदा की है। जैसा कि हम सभी जानते है कि छठ महापर्व चार दिन का होता है, पहला दिन नहाय-खाय, दूसरा दिन खरना, तीसरा दिन संध्या अर्घ्य और चौथे दिन प्रातः अर्घ्य तो चार दिन पहले इसके बारे में घोषणा करना कि छठ पूजा नहीं की जा सकती ये छठ व्रतियों व श्रद्धालुओं के लिए बहुत ही अपमानजनक व निंदनीय है। दिल्ली की एक तिहाई से अधिक आबादी छठ महापर्व मनाती है और उनके लिए ये पर्व, महापर्व है और जिसे रोका नहीं जा सकता है।
अगर सरकार की मंशा पूजा ना कराने की थी तो इसकी घोषणा कम से कम एक माह पूर्व की जानी चाहिए थी क्योंकि ईद-बकरीद से लेकर अन्य सभी पूजा-पाठ के लिए अगर सिमित संख्या में अनुमति दी गई तो छठ व्रतियों के लिए अनुमति क्यों नहीं ? यह सरकार की मंशा पर सवाल खड़ा करता है।
गोपाल झा ने दिल्ली के तमाम पूर्वांचलियों, छठ व्रतियों व श्रद्धालुओं से आग्रह किया है कि हरेक व्यक्ति अपने घर के आगे की सड़क पर छठ महापर्व मनाए, सड़क पर प्लास्टिक का टब/बाल्टी रखे या गड्ढा खोदे और रोक-टोक करने वाले को मुंहतोड़ जवाब दे, इसके लिए धर्म जागरण परिषद की पूरी टीम उनके साथ खड़ी मिलेगी।