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CIPET स्वास्थ्य देखभाल के क्षेत्र में R&D और WHO/ ISO के दिशा-निर्देशों के अनुसार पीपीई एवं अन्य जरूरी उत्पादों को आधिकारिक रूप से प्रमाणित करेगा

कोविड-19 से निपटने के लिए CIPET स्वास्थ्य देखभाल के क्षेत्र में विनिर्माण पर R&D और WHO/ ISO के दिशा-निर्देशों के अनुसार पीपीई एवं अन्य जरूरी उत्पादों को आधिकारिक रूप से प्रमाणित करने का काम शुरू करेगा

CIPET के मुरुथल, जयपुर, मदुरै और लखनऊ केंद्रों ने कोरोना वायरस से निपटने के लिए सुरक्षात्मक उपकरण के रूप में फेस शील्ड विकसित किया है

भारत सरकार के रसायन एवं खाद मंत्रालय के तहत एक प्रमुख राष्ट्रीय संस्थान केंद्रीय प्लास्टिक इंजीनियरिंग एवं प्रौद्योगिकी संस्थान Central Institute of Plastics Engineering and Technology (CIPET) कोविड-19 महामारी से निपटने के लिए स्वास्थ्य देखभाल क्षेत्र में विनिर्माण पर अनुसंधान एवं विकास (आरएंडडी) और डब्ल्यूएचओ/ आईएसओ के दिशा-निर्देशों के अनुसार पीपीई और अन्य जरूरी जरूरी उत्पादों को आधिकारिक रूप से प्रमाणित करने का काम शुरू करेगा।

CIPET ने बताया है कि कैबिनेट सचिवालय की तरफ से मिले निर्देशों के अनुसार CIPET को स्वास्थ्य देखभाल क्षेत्र में अनुसंधान एवं विकास का काम शुरू करने की सलाह दी गई है। भुवनेश्वर, चेन्नई और लखनऊ के तीन CIPET: प्लास्टिक प्रौद्योगिकी संस्थान institute of plastic Technology (IPT) केंद्रों पर परीक्षण एवं अंशशोधन के लिए राष्ट्रीय प्रमाणन बोर्ड प्रयोगशालाओं में पीपीई एवं सहायक उपकरणों की WHO/ ISO के दिशा-निर्देशों के अनुसार जांच के लिए परीक्षण सुविधा जल्द ही तैयार करा दी जाएगी।

CIPET: कौशल एवं तकनीकी मदद केंद्र (सीएसटीएस), मुरुथल ने कोरोना वायरस के खिलाफ लड़ाई में एक सुरक्षात्मक उपकरण के रूप में स्वास्थ्य कर्मियों, किसानों, श्रमिकों, पुलिसकर्मियों इत्यादि को सहायता करने प्रदान करने के लिए एक ‘फेस शील्ड’ विकसित किया है।

CIPET: सीएसटीएस, जयपुर; CIPET: आईपीटी, लखनऊ और CIPET: सीएसटीएस मदुरै ने ‘फेस शील्ड’ विकसित किए थे और इससे किसानों का खेती का काम प्रगति पर है।

CIPET ने आवश्यक सेवा को जारी रखने में मदद करने के लिए प्रशासनिक मंत्रालय के निर्देश पर खाद्यान्न पैकेजिंग की जांच के लिए अपनी क्षमता में विस्तार किया था।

बाधाओं को दूर करने की दिशा में कदम उठाने के लिए 9 सदस्यीय दल का गठन किया गया है और इसके अनुसार ऑनलाइन प्रशिक्षण कार्यक्रम और तकनीकी मदद के लिए उद्योगों को डोर सर्विसेज शुरू करना प्रस्तावित है। इसी तरह CIPET ने तीन शिफ्ट में एक-दूसरे से दूरी बनाए रखते हुए न्यूनतम श्रम शक्ति के साथ काम शुरू करने का प्रस्ताव रखा है।

कोविड-19 महामारी के संकट की स्थिति में मदद करने के लिए CIPET ने पीएम केयर्स फंड और स्थानीय निकायों/नगर निगमों/राज्‍य सरकार प्राधिकरणों को भी आर्थिक मदद कर सामुदायिक कल्याण कार्यक्रम शुरू किया है । CIPET के सभी कर्मचारियों ने मिलकर 1 दिन का वेतन कुल 18.25 लाख रुपए पीएम केयर्स फंड में दिए हैं।

कोरोनावायरस कोविड-19 के फैलाव के चलते भारत सरकार द्वारा लागू लॉकडाउन की वजह से परेशानियों का सामना कर रहे पीड़ितों और प्रवासी श्रमिकों का दुख कम करने के लिए CIPET ने सक्षम अधिकारियों की अनुमति से विभिन्न स्थानीय निकायों/नगर निगमों/राज्य प्राधिकरणों को अब तक कुल 85.50 लाख रुपये का योगदान किया है।

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