लॉकडाउन की कीमत प्रवासी मजदूरों को अपनी जान गवांकर चुकाना पड़ रही है। इन लोगों ने जब सुविधाओं के अभाव में अपने घरों के लिए पैदल सफर शुरू किया तो कइयों को मंजिल की वजह मौत मिल गई । ताजा घटनाक्रम औरंगाबाद का है, जहां ट्रेन की चपेट में आने से 15 लोगों की मौत हो गई। ये लोग रेल पटरी के सहारे जालना से भुसावल जा रहे थे। 40 किमी पैदल चलने के बाद थकान के कारण ये पटरी पर बैठ गए और वहीं नींद आ गई और एक मालगाड़ी की चपेट में आ गए । 24 मार्च से 4 मई के बीच अब तक विभिन्न हादसों में 59 मजदूरों की जान जा चुकी है।
रेल्वेने सफाई दी, पीएम ओर रेल मंत्री पीयूष गोयल ने किया ट्वीट
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हादसे पर दुख जताया है। वहीं रेलवे ने कहा है कि ड्रायवर ने ट्रेन रोकने की पूरी कोशिश की, लेकिन नाकाम रहा। डेड बॉडी को औरंगाबाद के सरकारी अस्पताल में पहुंचाया गया है।
आज 5:22 AM पर नांदेड़ डिवीजन के बदनापुर व करमाड स्टेशन के बीच सोये हुए श्रमिकों के मालगाड़ी के नीचे आने का दुखद समाचार मिला।
राहत कार्य जारी है, व इन्क्वायरी के आदेश दिये गए हैं। दिवंगत आत्माओं की शांति हेतु ईश्वर से प्रार्थना करता हूँ। https://t.co/NnOmPNfATU
— Piyush Goyal (@PiyushGoyal) May 8, 2020
During early hours today after seeing some labourers on track, loco pilot of goods train tried to stop the train but eventually hit them between Badnapur and Karmad stations in Parbhani-Manmad section
Injureds have been taken to Aurangabad Civil Hospital.
Inquiry has been ordered— Ministry of Railways (@RailMinIndia) May 8, 2020
अब तक सड़क हादसों में 137 की मौत
लॉकडाउन के कारण सभी तरह का परिवहन बंद है, लेकिन फिर भी 24 मार्च से 4 मई के बीच सड़क हादसों में 137 लोगों की मौत देशभर में हुई है। सेव लाइफ फाउंडेशन नामक गैर सरकारी संगठन ने अपनी रिपोर्ट में यह जानकारी दी है। 4 मई तक के आंकड़ों के अनुसार, इनमें 42 प्रवासी मजदूर थे। औरंगाबाद के हादसे के बाद यह आंकड़ा बढ़कर 59 हो गया है।
सेव लाइफ फाउंडेशन की रिपोर्ट के अनुसार, अधिकांश मजदूरों की मौत घर लौटते वक्त रास्ते में हुई। अधिकांश को तेज गति से आ रही कार या ट्रक ने कुचल दिया। मृतकों में अधिकांश यूपी, बिहार और राजस्थान के हैं।