परम पूज्य एलाचार्य श्री 108 अतिवीर जी मुनिराज का आडम्बर-रहित मंगलमय पावन चातुर्मास ज्ञानाराधना पूर्वक उत्तर प्रदेश की धर्मनगरी मथुरा स्थित भारतवर्षीय दिगम्बर जैन संघ भवन, कृष्णा नगर में सानंद संपन्न हो रहा है| दिनांक 23 सितम्बर 2020 को पूज्य एलाचार्य श्री ने अपने 56वें जन्मदिवस के प्रसंग पर पधारे गुरुभक्तों मंगल आशीर्वाद प्रदान करते हुए कहा कि संतों का जीवन जन्म-मरण के चक्र को समाप्त करने के लिए समर्पित होता है| संत कभी इस नश्वर शरीर के जन्म का उत्सव ना मनाते और ना किसी को मनाने के लिए प्रेरित करते है| शास्त्रों में वर्णन मिलता है कि जो साधु अपना जन्मदिवस मनाते हैं वह अपने अनंत जन्मों का आमंत्रित कर लेते हैं| एलाचार्य श्री ने आगे कहा कि वर्तमान में जैन समाज तीर्थंकरों के कल्याणक दिवस छोड़कर साधुओं के जन्म व दीक्षा दिवस मनाने में ज्यादा रूचि दिखाता है, जोकि सर्वथा गलत है| हमें अपने तीर्थंकर भगवंतों के प्रति पूर्ण बहुमान रखना चाहिए तथा उन्हीं के पंच-कल्याणक दिवस को भव्य रूप से भक्ति-भाव पूर्वक आयोजित करना चाहिए| उल्लेखनीय है कि एलाचार्य श्री ने अपने जन्म दिवस व दीक्षा दिवस का कोई भी उत्सव ना करने का नियम दिल्ली स्थित परेड ग्राउंड में आयोजित धर्मसभा के मध्य सन् 2010 में लिया था|
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परम पूज्य एलाचार्य श्री 108 अतिवीर जी मुनिराज के परम पावन सान्निध्य में उत्तर प्रदेश की धर्मनगरी मथुरा के कृष्णा नगर स्थित भारतवर्षीय दिगम्बर जैन संघ भवन में मंगलमय 15वें चातुर्मास के अनन्तर भारी धर्मप्रभावना सम्पन्न हो रही है| रक्षाबंधन पर्व के अवसर पर धर्मसभा को सम्बोधित करते हुए पूज्य एलाचार्य श्री ने कहा कि आज का दिन […]
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आज से नवरात्र के महापर्व का शुभारंभ हो गया है। नवरात्र का आज पहला दिन है जो कि मां शैलपुत्री को समर्पित होता है। आज नवरात्र के पहले दिन घटस्थापना की जाती है और मां शैलपुत्री की पूजा की जाती है। पर्वतराज हिमालय की पुत्री होने के कारण मां को शैलपुत्री कहा जाता है। मां […]
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त्रिलोक तीर्थ प्रणेता, पंचम पट्टाचार्य परम पूज्य गुरुवर आचार्य श्री 108 विद्याभूषण सन्मति सागर जी महाराज की असीम अनुकम्पा से गुरुभ्राता परम पूज्य सल्लेखनारत आचार्य श्री 108 मेरु भूषण जी महाराज द्वारा अपने परम प्रभावक अनुज-भ्राता परम पूज्य एलाचार्य श्री 108 अतिवीर जी मुनिराज को सभी मांगलिक क्रियाएं संपन्न कर विधि-विधान पूर्वक ‘आचार्य पद’ पर दिनांक […]
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