मंगलवार को वड़ोदरा के नगर निगम द्वारा संचालित एसएसजी अस्पताल में आग लगने की खबर आयी थी,इस अस्पताल में 272 कोविद -19 सकारात्मक रोगियों का इलाज चल रहा था।
इस आग लगने का कारण आईसीयू में एक वेंटिलेटर की वायरिंग में हुए शॉर्ट सर्किट को बताया जा रहा है। यह हादसा शाम 7 बजे के बाद हुआ जब आईसीयू -2 में वेंटिलेटर में से एक स्पार्क हुआ और आग की लपटों की चपेट में आ गया। हालांकि अभी इस बारे में आधिकारिक रिपोर्ट आना बाकी है। फायर डिपार्टमेंट का ने यह कहा है की आग न तो प्लग में गड़बड़ी और न ही शॉर्ट सर्किट की वजह से लगी है.
गौरतलब यह है की अब उस फ्लोर पर लगी आग का सीसीटीवी फुटेज सामने आया है जिसने कई सवालों को जन्म दिया है, सीसीटीवी में साफ़ साफ़ नज़र आ रहा है कि आग वेंटिलेटर में लगी है।
एक कर्मचारी ने भी बताया कि वेंटिलेटर में कुछ गड़बड़ी हुई फर तेजी से आग फैल गई। इस खतरनाक वारदात के समय आग ग्रसित हिस्से में 25 मरीज दाखिल थे जिन्हें समय रहते सुरक्षित तरीके से बाहर निकाल लिया गया था। अस्पताल के कर्मचारियों और डॉक्टरों की वजह से एक बहुत बड़ी घटना टल गयी।
शुरुआत सभी का मानना था की आग शॉर्ट सर्किट के वजह से लगी थी लेकिन सीसीटीवी फुटेज देखने के बाद सच सामने आया। पुलिस प्रशासन और फायर डिपार्टमेंट इस घटना में तुरंत ही हरकत में आया और अस्पताल के कोरोना वॉर्ड से मरीजों को बाहर निकाला गया। सभी मरीजों को सही समय पर दूसरे अस्पताल में शिफ्ट कर दिया गया और फायर डिपार्टमेंट द्वारा सही वक़्त पर आग पर काबू पा लिया गया था।
धमण वेंटिलेटर शुरू से विवादों में रहा है, और इस घटना के बाद यह चर्चा में है। आग की यह नई घटना भी इसी वेंटीलेटर से जुड़ी है। अधिकारियो का मानना है की , 24 घंटे वेंटिलेटर चलने के कारण गर्म होने से उसमें आग लगी हो। हालांकि इसकी जांच चल रही है और जल्द ही आधिकारिक रिपोर्ट सामने आएगी। 3 अधिकारियों की एक टीम को इस घटना के जांच के लिए रखा गया है। कोरोना महामारी दौरान यह अस्पताल में आग लगने की चौथी घटना है।