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विश्व हिंदू परिषद ने प्रभु श्री राम जन्मभूमि आने का समाज को दिया निमंत्रण

14 जनवरी 2024 तक अयोध्या में मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्री राम का भव्य मंदिर पूर्ण

नई दिल्ली। भव्य रामलीला के मंचन में नई दिल्ली की लगभग सभी रामलीला में मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्री जीवन पर ग्रंथ लिखने वाले महान महर्षि वाल्मीकि जी का चित्र लगाने का आग्रह किया गया जिससे लगभग सभी रामलीला में महर्षि वाल्मीकि जी का चित्र लगाया गया विश्व हिंदू परिषद के माननीय अधिकारियों ने दिल्ली की अलग-अलग रामलीला में जाकर महर्षि भगवान वाल्मीकि जी की आरती की।

विश्व हिंदू परिषद के अंतरराष्ट्रीय कार्याध्यक्ष श्रीमान आलोक जी ने लोगों को संबोधित करते हुए 14 जनवरी 2024 तक अयोध्या में मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्री राम का भव्य मंदिर पूर्ण होने पर भगवान श्री राम माता सीता सहित उनके छोटे भ्राता लक्ष्मण एवं रामसेवक श्री हनुमान जी सहित भगवान वाल्मीकि जी के मंदिर के भी दर्शनों हेतु आने का निमंत्रण दिया जिससे हिंदू अपने आराध्य देव भगवान श्री राम के श्रद्धा पूर्वक दर्शन कर सकें।

दिल्ली प्रांत अध्यक्ष श्रीमान कपिल खन्ना जी के अनुसार सैकड़ों वर्षो तक भगवान श्री राम मंदिर के लिए लाखों लोगों का बलिदान को श्रद्धापूर्वक याद करते हुए लोगों से आह्वान किया कि भगवान श्री राम का मंदिर 14 जनवरी 2024 को पूरा होने पर हिंदू युग सूत्रपात अथवा आरंभ होगा। उन्होंने कहा भगवान श्रीराम का मंदिर पूरा होने के साथ-साथ काशी और मथुरा में भी मंदिर बनने की संभावनाओं को प्रबल शक्ति मिली है आने वाले भविष्य में जल्दी ही यह मंदिर भी बनने जा रहे हैं इसके लिए उन्होंने लोगों को साधुवाद दिया तथा अयोध्या मंदिर में हुए शहीद लोगों को भावभीनी श्रद्धांजलि भी दी जिनके कारण से आज हम अपने जीवन में अयोध्या में भगवान श्री राम का भव्य मंदिर देख सकेंगे।

क्षेत्रीय संगठन मंत्री श्री मुकेश खांडेकर जी ने अपने प्रवास के दौरान समाज को मर्यादा पुरुषोत्तम श्री राम जी के आदर्शों पर चलने के लिए आग्रह किया, उनके अनुसार भगवान श्री राम मर्यादा पुरुषोत्तम थे अर्थात उनका जीवन पूर्ण रूप से मर्यादित था जो एक स्वस्थ समाज के लिए अत्यंत आवश्यक है, क्योंकि आज के वातावरण में हम जीवन चरित्र को भूलते जा रहे हैं जिससे समाज में कई प्रकार की कुरीतियां उत्पन्न हो गई है तथा चारों तरफ अशांति है। यदि भगवान श्री राम की मर्यादा की पुनर्स्थापना की जाए तो हमारे बच्चों के जीवन में संस्कार पैदा होंगे अर्थात बच्चे संस्कारित होंगे जिससे एक स्वस्थ समाज की स्थापना होगी और हम विकास के साथ-साथ आध्यात्म की ओर भी बढ़ेंगे तथा बच्चों का जीवन सुखमय बनेगा और साथ-साथ बच्चों के मन में सनातन धर्म को जानने का अवसर मिलेगा एवं बच्चों को बाल्यकाल से ही भगवान श्री राम के जीवन के बारे में जाने का अवसर मिलेगा जिससे उनके जीवन का सही दिशा में विकास हो सकेगा।

रामलीला मंचन के प्रवास के समय प्रांत मंत्री श्री सुरेंद्र गुप्ता जी ने बताया आदि कवि भगवान वाल्मीकि जी, जिन्होंने रामायण की रचना की थी, समाज सदैव उनका ऋणी रहेगा। उन्होंने कहा “धर्मो रक्षति रक्षित:”। यानि आप धर्म जी रक्षा करोगे तो धर्म आपकी रक्षा करेगा।

सर्वे हिंदू सहोदरा। ना हिंदू पतितो भवेत्।


सभी हिंदू भाई हैं, हिन्दू पतित हो ही नही सकता। उन्होंने कहा आदि कवि भगवान वाल्मीकि जी ने राम की कथा लिखी उनको पूजने वाला समाज पतित कैसे हो सकता है, इसके साथ श्री सुरेंद्र गुप्ता जी ने श्री हनुमान जी की शक्ति को जगाने का प्रयास किया।

कवन सो काज कठिन जग माही।
जो नहीं होई तात तुमः पाई।।
राम काज लगी तव अवतार।
सुनत ही भययू पर्वतकरा।।

इसका अर्थ है जग में कौन सा ऐसा कठिन काम है जो तात। तुमसे ना हो सके। भगवान श्री राम जी के कार्य के लिए तुम्हारा अवतार हुआ है। यह सुनते ही हनुमान जी पर्वताकार हो गए।
श्री सुरेंद्र गुप्ता जी ने इस चौपाई को सुनाकर लोगों को एक संदेश दिया कि हिंदुओं में एक शक्ति है जिसका जगाना आवश्यक है जिस दिन यह शक्ति जाग जाएगी जग में कोई भी कार्य असंभव नहीं होगा, समाज सशक्त हो जायेगा।

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