वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा घोषित 20 लाख करोड़ रुपए के आर्थिक पैकेज का ब्लू प्रिंट देश के सामने रखा है। उन्होंने बताया कि इस राहत पैकेज में सभी वर्ग को बड़ी राहत मिलेगी। वित्त मंत्री ने MSMEs यानी सुक्ष्म, लघु तथा मध्यम उद्योग के लिए 6 बड़े कदमों के बारे मे आज बताया है। MSME क्षेत्र में बिना गारंटी के लोन दिया जाएगा।
2 लाख MSME को फायदा मिलेगा।
MSME का दायरा बढ़ाया गया है और 1 करोड़ के निवेश और 5 करोड़ के टर्नओवर तक माइक्रो यूनिट ही रहेगा और MSME का दर्जा और फायदा मिलता रहेगा। EPF के लिए दी गई सहायता अगले तीन मई के लिए बढ़ा दी है। 15 हजार से कम वेतन वालों का EPF अगस्त तक सरकार देगी। मौजूदा TDS व TCS दरों में 25 प्रतिशत कटौती की जा रही है। यह कटौती कल यानी गुरुवार 14 मई 2020 से लागू होगी, इससे 50 हजार करोड़ की धनराशि लोगों को उपलब्ध होगी। 31 मार्च 2021 तक यह कटौती लागू रहेगी। इसके साथ ही 30 नवंबर तक इनकम टैक्स रिटर्न (IT Return) की तारीख भी बढ़ा दी गई है।
सरकार ने EPF पर बड़ी राहत
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बताया कि अगस्त तक कंपनी और कर्मचारियों की तरफ से 12 फीसदी+ 12 फीसदी की रकम EPFO में अब सरकार जमा करेगी। इससे करीब 75 लाख से ज्यादा कर्मचारियों और संस्थाओं को फायदा मिलेगा। बता दें कि मार्च, अप्रैल और मई में भी सरकार ने ही कंट्रीब्यूट किया था। इस सुविधा को तीन महीने के लिए बढ़ा दिया गया है।
लेकिन इसके साथ कुछ शर्तें हैं। सरकार की इस ऐलान का फायदा सिर्फ उन्हीं कंपनियों को मिलेगा, जिनके पास 100 से कम कर्मचारी है और 90 फीसदी कर्मचारी की सैलरी 15,000 रुपये से कम है। यानी 15 हजार से ज्यादा तनख्वाह पाने वालों को इसका फायदा नहीं मिलेगा। कर्मचारियों का 12 फीसदी की जगह 10 फीसदी EPF कटेगा। हालांकि PSUs में 12 फीसदी ही EPF कटेगा।
MSMEs सेक्टर को परिभाषित किया गया है
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने प्रैस कोन्फ्रेंस मे बताया है कि MSME यानी सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योग की परिभाषा बदल दी गई है। इसमें निवेश की लिमिट में बदलाव किया गया है। 1 करोड़ निवेश या 10 करोड़ टर्नओवर पर सूक्ष्म उद्योग का दर्जा दिया जाएगा।
इसी तरह 10 करोड़ निवेश या 50 करोड़ टर्नओवर पर लघु उद्योग का दर्जा दिया जाएगा। वहीं 20 करोड़ निवेश या 100 करोड़ टर्नओवर पर मध्यम उद्योग का दर्जा होगा।निर्मला सीतारमण ने बताया कि मौजूदा दौर में ट्रेड फेयर संभव नहीं है।
200 करोड़ तक का टेंडर ग्लोबल नहीं होगा। यह MSME के लिए बड़ा कदम है। इसके अलावा MSME को ई-मार्केट से जोड़ा जाएगा। सरकार MSME के बाकी पेंमेंट 45 दिनों के अंदर करेगी।
वित्त मंत्री के मुताबिक 20 लाख करोड़ रुपये के पैकेज में से 3 लाख करोड़ MSME यानी सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योग को जाएंगे। इनको बिना गारंटी लोन मिलेगा। इसकी समयसीमा 4 साल की होगी। इन्हें 12 महीने की छूट मिलेगी। ये ऑफर 31 अक्टूबर 2020 तक के लिए है।
वित्त मंत्री ने बताया है की जो MSME तनाव में हैं उन्हें सबआर्डिनेट डेट के माध्यम से 20000 करोड़ की नकदी की व्यवस्था की जाएगी। बता दें कि एसएमई (SME) में लघु और मझोले कारोबार आते हैं।
वित्त मंत्री ने बताया है की MSME जो सक्षम हैं, लेकिन कोरोना की वजह से परेशान हैं, उन्हें कारोबार विस्तार के लिए 10,000 करोड़ के फंड्स ऑफ फंड के माध्यम से मदद दी जाएगी।
वित्त मंत्री ने बताया है की सार्वजनिक क्षेत्र को बैंकों से जुड़े सुधार, बैंकों के रिकैपिटलाइजेशन जैसे काम किए गए।
वित्त मंत्री ने बताया की 41 करोड़ जनधन अकाउंट होल्डर्स के खाते में डीबीटी ट्रांसफर किया गया है।
20 लाख करोड़ रुपये के पैकेज की चर्चा में पीएम मोदी के अलावा कई विभागों और संबंधित मंत्रालय चर्चा में शामिल रहे।
पीएम ने किया था ऐलान
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कोरोना संकट के दोर में इकोनॉमी को सहारा देने के लिए 20 लाख करोड़ रुपये के तगड़े बूस्टर डोज का ऐलान किया है। मंगलवार को राष्ट्र के नाम अपने संबोधन में पीएम मोदी ने बताया कि इस पैकेज देश की इकोनॉमी को सहारा मिलेगा और दुनिया में भारत नेतृत्व करने की क्षमता हासिल कर सकेगा। पीएम ने कई सेक्टर में बोल्ड सुधारों का ऐलान किया है। पीएम ने कृषि से लेकर इन्फ्रास्ट्रक्चर, टैक्स तक सभी सेक्टर में सुधारों का ऐलान किया।
राहत पैकेज के ऐलान से उद्योग जगत खुश
पीएम मोदी ने उम्मीद से बढ़कर राहत पैकेज का ऐलान किया है। इससे उद्योग जगत में खुशी का माहौल है।अपने संबोधन में पीएम ने इस बात के संकेत दिए कि सरकार की नई घोषणाएं देश में आर्थिंक सुधारों के एक क्रांतिकारी दौर की शुरुआत करेगी। पीएम के शब्दों में ये रिफार्म्स खेती से जुड़ी पूरी सप्लाई चेन में होंगे ताकि किसान भी सशक्त हो व कोरोना जैसे संकट का भविष्य में सामना कर सके। इसमें देश के विभिन्न सेक्टर में संगठित और असंगठित सेक्टर के मजदूरों के लिए भी कई बातें होंगी।
पीएम जानते हैं कि कोविड-19 के मौजूदा दौर में हर भारतीय अभी परेशान है। लिहाजा उनके भाषण में भविष्य नीति की रूपरेखा के साथ ही जोश भी खूब था। उन्होंने इकोनॉमी की मौजूदा जड़ता को तोड़ने के लिए बड़ी छलांग लगाने की बात कही और कहा कि इंक्रीमेंटल जंप नहीं क्वांटम जंप की जरूरत है।