- मोहल्ला क्लीनिक को संचालित कर कोरोना टेस्टिंग की सुविधाएं क्यों नहीं दी जा रही हैं।
- क्या दिल्ली का मोहल्ला क्लीनिक केजरीवाल सरकार के लिए चुनावी स्टंट मात्र था।
नई दिल्ली, 31 मई। दिल्ली को बेहतर चिकित्सा सेवा देने के लिए दिल्ली सरकार द्वारा बनवाए गए वर्ल्ड क्लास मोहल्ला क्लीनिक आज कोरोना संकट के समय बंद पड़े हैं और दिल्ली सरकार द्वारा दिल्ली के लोगों को आयुष्मान भारत योजना के लाभ से भी वंचित रखा गया जिसे लेकर कड़ी प्रतिक्रिया देते हुए दिल्ली भाजपा मीडिया प्रमुख व प्रवक्ता श्री अशोक गोयल देवराहा ने कहा कि दिल्ली के स्वास्थ्य क्षेत्र में केजरीवाल सरकार के मोहल्ला क्लीनिक से ज्यादा बड़ा मजाक कुछ नहीं हो सकता। दिल्ली के लोग इलाज के अभाव में आज खुद को ठगा हुआ महसूस कर रहे हैं। दिल्ली सरकार के सरकारी अस्पताल में 2500 बेड और निजी अस्पताल
में 2677 बेड हैं इसलिए भी लोगों को भी इलाज के लिए निजी अस्पतालों के चक्कर लगाने पड़ रहे हैं। वहीं निजी अस्पताल इलाज के लिए मरीजों से 4 लाख से 15 लाख रुपए लूट रहे हैं लेकिन आज अगर केजरीवाल सरकार ने दिल्ली में भी आयुष्मान भारत योजना लागू किया होता तो आज गरीब व जरूरतमंद लोगों का इलाज मुफ्त में हो पाता।
श्री गोयल ने कहा कि केजरीवाल सरकार ने झुग्गी-बस्तियों में रहने वाले लोगों के लिए मोहल्ला क्लीनिक तो खोल दिया है, लेकिन आज जरूरत के समय कहीं मोहल्ला क्लीनिक बंद का पोस्टर चस्पा है, तो कहीं कचरे के ढेर से घिरे बंद पड़े मोहल्ला क्लीनिक पशुओं का तबेला बने हुए हैं। दिल्ली सरकार कोरोना संक्रमित व्यक्ति से सम्पर्क होने के बाद कोरोना टेस्टिंग 5-6 दिन के बाद करा रही है, अगर मोहल्ला क्लीनिक संचालित होते तो टेस्टिंग भी समय पर होता और उसकी संख्या भी बढ़ाई जा सकती थी लेकिन आज के समय में मोहल्ला क्लिनिक पर ताले लटके हैं। दिल्ली सरकार ने लोगों को होम आइसोलेशन में रहने का निर्देश दिया है, ऐसा करके मुख्यमंत्री केजरीवाल दिल्ली के लोगों को सुरक्षित रखने के बजाए उन्हें कम्युनिटी स्प्रेड के खतरे की ओर लेकर जा रहे हैं। वैश्विक महामारी कोरोना के समय में भी दिल्ली सरकार ने दिल्ली के लोगों को स्वास्थ्य सुविधाओं के लिए दर-दर भटकने पर मजबूर कर दिया है।
श्री गोयल ने कहा कि क्या दिल्ली का मोहल्ला क्लीनिक केजरीवाल सरकार के लिए चुनावी स्टंट मात्र था? विज्ञापनों में दिखने वाले वर्ल्ड क्लास मोहल्ला क्लीनिक धरातल पर लोगों को स्वास्थ्य सुविधाएं मुहैया करवाने के लिए उपलब्ध क्यों नहीं है? मोहल्ला क्लीनिक को संचालित कर कोरोना टेस्टिंग की सुविधाएं क्यों नहीं दी जा रही हैं? क्या दिल्ली के लोगों को बेहतर चिकित्सा सुविधा देने के नाम पर अपनी पीठ थपथपाने वाली केजरीवाल सरकार स्लीप मोड में चली गई है?