नॉर्वे की संसद में रखा गया है ट्रम्प को नोबेल पुरुस्कार देने का प्रस्ताव, बराक ओबामा के बाद अब वर्तमान के अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को भी नोबल पुरस्कार मिल सकता है।अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का नाम 2021 के नोबेल शांति पुरस्कार के लिए देने की एक वजह यह है की उन्होंने दुनिया में शांति की स्थापना के प्रयासों के लिए कार्य किया है। क्रिश्चियन टिबरिंग जेड (नॉर्वे की संसद के सदस्य) ने उनके नाम का प्रस्ताव दिया है। यूएई और इजरायल के बीच हुए शांति समझौते से लेकर कश्मीर पर भारत और पाकिस्तान को भिड़ने से बचाने का श्रेय अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रम्प को दिया गया है।
ट्रम्प ने दुनिया को विवाद की स्थिति से बचाया
सिर्फ यह ही नहीं ट्रंप को मध्य-पूर्व में शांति बहाली के लिए किये गए प्रयासों की भी सराहना की गई है। फॉक्स न्यूज के साथ एक इंटररव्यू में टिबरिंग जेड का कहना है की दुनिया में जहां कहीं भी विवाद की स्थिति बनी, वहां ट्रंप ट्रम्प द्वारा शांति स्थापित करने की कोशिश की गयी। यही वजह है की ट्रम्प का नोबेल शांति पुरस्कार पर सबसे पहला हक है। टिबरिंग नॉर्वे की संसद के लिए चार बार निर्वाचित हो चुके हैं और वह नाटो पार्लियामेंट्री असेंबली में नॉर्वे के प्रतिनिधिमंडल के चेयरमैन रह चुके है।
इजराइल और यूएई की बीच भी समझौता कराया
क्रिस्चियन तिब्रिन्ग का कहना है की, ट्रंप ने जिस प्रकार से इजरायल और यूएई के बीच समझौता कराया है , उससे पूरे अरब जगत में शांति की संभावना बढ़ गई है।यह भी उम्मीद है की, कुछ दिनों में अरब देश इजरायल के साथ अच्छे संबंध स्थापित करेंगे। इससे में न केवल शांति स्थापित होगी, बल्कि वहां पर विकास भी होगी। जिससे दुनिया में स्थिरता का विकास भी होगा। यह ही नहीं ट्रंप ने दक्षिण कोरिया और उत्तर कोरिया के बीच के भी विवाद को शांत करने में योगदान दिया है ट्रंप के वजह से उत्तर कोरिया की आक्रामकता कम हुई है और वहां के नेता पहली बार वार्ता की टेबल पर आने का फैसला किया। नॉर्वे के सांसद ने मध्य-पूर्व और अफगानिस्तान से अमेरिकी सैनिकों की वापसी को भी शांति स्थापना के रूप में दिखाया है।