NATIONAL RELIGIOUS Uttar Pradesh

मुजफ्फरनगर के इतिहास में प्रथम बार तिरंगे ध्वज का अभिषेक किया गया

अगर आप संसद में बैठकर चिल्लाओगे तो आप इस देश के नहीं हो सकते -आचार्य श्री पुष्पदन्त सागर जी महाराज

मुजफ्फरनगर, उत्तर प्रदेश:  भारत के 77 वें स्वतंत्रता दिवस 2023 को मुजफ्फरनगरमे जैन समाज ने जैन औषधालय प्रेमपुरी के प्रांगण में प्रथम बार आचार्य श्री पुष्पदन्त सागर जी महाराज के सानिध्य में तिरंगे ध्वज का अभिषेक दर्पण के माध्यम से हुआ। सर्वप्रथम आचार्य श्री पुष्पदन्त सागर जी महाराज के सानिध्य में तिरंगे ध्वज को लहराया गया एवं सभी ने खडे होकर राष्ट्रगान गया और तिंरगे ध्वज को फहराय गया। आचार्य श्री ने ध्वज का अभिषेक एक दर्पण को ध्वज के सामने रख कर आरंभ किया। आचार्य श्री के पश्चात दोनों छूलक महाराज जी ने भी तिरगे का अभिषेक किया तपश्चयात सभी उपस्थित गणमान्य व्यक्तियों एवं उपस्थित संयोजक मंडल के द्वारा किया गया।

आचार्य श्री ने अपने अमृतवाणी में कहा मैं आनंदित हूं गदगद हूं हम इस माटी पर हम जी रहे हैं । आज पूरा विश्व मौत के मुहाने पर खड़ा है एक राष्ट्र दूसरे राष्ट्र को पाने की कोशिश कर रहा है । जिन्होंने हमारी इस माटी पर कब्जा करना चाहा या हमारी स्मृतियों को मिटाने की कोशिश की उन फिरंगियों को हमने वापस भेज दिए ।

इस माटी पर ऐसे माता-पिता का जन्म हुआ है जिन्होंने अपने बच्चों को देश के लिए छोड़ दिया। भगत सिंह राजगुरु सुखदेव यह सभी सबसे पहले देश की रक्षा के लिए आगे आए। गांधीजी ने अपनी नमक पदयात्रा निकली। पंडित जवाहरलाल नेहरू ने कहा कि पूरा भारत एक मंदिर है। यहां अहिंसा की पूजा होती है । एक बार गांधी जी को विदेश में विशेष रूप से बुलाया गया । सभा में आने के लिए उन्हें कहा गया आप को पेंट शर्ट पहन कर आना है। गांधी जी ने मना कर दिया बोले हम अपनी वेशभूषा नहीं छोड़ सकते है। फिर उन्हें उनकी वेशभूषा में ही बुलाया गया। यह है हमारा इतिहास जिस दिन भगत सिंह को फांसी दी जा रही थी तो उन्हें बोला गया अब भी बता दो आपने जो किया। लेकिन उन्होंने कुछ नहीं बताया इंकलाब जिंदाबाद के नारे लगाए और कहां मैं इस भारत के लिए ही जी रहा हूं ।

हम उस समय की बात कर रहे हैं जब हमारे देश में त्रषि मुनियों का राज होता था राजनीति का नहीं ऋषि मुनि ही उसे समय समझाया करते थे कि आपको किस तरह राजनीति करनी है। अगर आप संसद या लोकसभा में चिल्लाओगे तो आप इस देश के नहीं हो सकते जब हमारे देश के नेता संसद या लोकसभा राज्यसभा में बैठकर झगड़ते हैं तो इस देश की इज्जत जाती है। संसद में जो भी जाए वह अपना संयम लेकर जाए। इस देश की रक्षा करने के लिए है सभी राज नेताओं की जिम्मेदारी है । हमारे झंडे में तीन रंग होते हैं। सफेद रंग – इसका मतलब है माटी पर दाग नहीं लगने देंगे। केसरिया रंग -हम अपने देश पर आच नहीं आने देंगे । हरा रंग – हमारा देशअहिंसा का देश है।

आचार्य श्री बूच़डखानों के ऊपर भी बोले उन्होंने कहा जब तक देश से बूचड़खाने समाप्त नहीं हो जाएंगे तब तक इस देश का पूर्ण रूप से सुधार संभव नहीं है। शासन और सरकार दोनों में मैत्री का भाव होगा तभी बूचड़खाने बंद हो जाएंगे राम राज्य का शासन तभी आ सकता है जब इस देश के बूचड़खाने बंद हो जाएंगे । आप सब आज का दिन देश को दे दो यह हमारा धर्म है। भारत माता की जय।

आज के कार्यक्रम में सुनील जैन ( टीकरी) प्रवीन जैन (चीनू ) एवं सभी संयोजक मंडल का विशेष रूप से सहयोग रहा । पुष्पदंत सागर युवा मंडल एवं जैन बाल मंच के सभी युवा साथियों ने अपना पूरा सहयोग प्रदान किया । मंच संचालन मुख्य संयोजक प्रवीण जैन एवं पुनीत जैन द्वारा किया गया।

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