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भारत और चीन के विदेश मंत्री की मॉस्को में हुई मुलाकात 

भारत ऑर चीन के बीच तनाव लगतार्ब बढ़ते ही जा रहे है, लद्दाख में लाइन ऑफ एक्‍चुअल कंट्रोल पे जो भारत और चीन में मतभेद जारी है। उसी के बीच दोनों देशों के विदेश मंत्रियों की रूस के मॉस्‍को शहर में मुलाकात हुुुई।  विदेश मंत्री एस. जयशंकर और उनके चीनी समकक्ष वांग यी के इस मुलाकात को सीमा पर जो बढ़ते तनाव है उनको कम करने की पहल के रूप में देखा जा रहा है।  शंघाई को-ऑपरेशन आर्गेनाइजेशन की बैठक के सि‍लसिले में दोनों देशों के विदेश मंत्री  मॉस्‍को में मौजूद हैं।  बीते समय में भारत और चीन के रक्षा मंत्रियों के बीच भी मॉस्‍को में मुलाकात हो चुकी है।

विदेश मंत्री जयशंकर ने  कुछ ही दिनों पहले पूर्वी लद्दाख के हालात को ‘बहुत गंभीर’ करार दिया था और यह भी कहा था कि ऐसे हालात में दोनों देशों  के बीच राजनीतिक स्तर पर ‘विचार-विमर्श’ अनिवार्य है। एस  जयशंकर और वांग के बीच यह मुलाकात एल ए सी पर बेहद तनाव के बीच हुई है। हालाँकि अभी कुछ समय पहले ही दोनों देशों ने एक-दूसरे पर तनाव के दौरान हवा में गोलियां चलाने का आरोप लगाया था।  45 साल बाद ऐसा हुआ है जब इन दोनों देशो की मतभेद में गोलिया चलाई गयी हो।

भारतीय थल सेना कहना है कि सात सितंबर की शाम चीनी सेना ने पैंगोंग झील के दक्षिणी तट के पास भारतीय मोर्चे के नजदीक आने की कोशिश की और हवा में गोलियां भी चलाईं है। इसके अतिरिक्त पी एल ए द्वारा यह  आरोप लगाया गया था कि भारतीय सैनिकों की और से एल ए सी पार की गयी और पैंगोंग झील के पास वॉर्निंग फायर किए गए।

आपको बता दे की 15 जून को पूर्वी लद्दाख की गलवान घाटी में  संघर्ष के दौरान 20 भारतीय सैन्यकर्मियों के शहीद होने के बाद एलएसी पर तनाव काफी बढ़ गया था। खबर यह भी थी की चीनी जवान भी घायल  हुए थे लेकिन चीन ने उनका ब्योरा नहीं दिया था। अमेरिका की एक खुफिया रिपोर्ट के मुताबिक चीन के भी 35 जवान मारे गये थे।  एस जयशंकर ने कहा की अगर “सीमा पर अमन-चैन नहीं रहता तो बाकी रिश्ते जारी नहीं रह सकते क्योंकि स्पष्ट रूप से संबंधों का आधार शांति ही है।”

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