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प्रश्नकाल खत्म किए जाने पर विपछ को हुई आपत्ति: सरकार ने दिया जवाब

कोविड-19 के बिच हर तरह की सावधानी को मदतेनज़र रखते हुए, संसद का मानसून सत्र आज से शुरू किया गया। संसद के सत्र की शुरुआत में ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने चीन के साथ सीमा पर तनाव को लेकर दिया कड़ा सन्देश।पीएम ने कहा, “मुझे उम्मीद है कि सदन के सभी सदस्य एक भाव से, एक संकल्प से ये सन्देश देंगे कि पूरा देश सेना के जवानों के साथ खड़ा है.” आज सुबह प्रश्नकाल ख़त्म करने का प्रस्ताव  पारित हुआ, और प्रश्नकाल को खत्म किए जाने को लेकर कई  सवाल उठाये गए।  इन्ही सवालों के बीच लोकसभा में  संसदीय कार्यमंत्री प्रहलाद जोशी ने कहा कि सरकार इस चर्चा से भाग नहीं रही है।

जोशी का कहना है की, “यह एक असाधारण स्थिति है, जब विधानसभाएं एक दिन के लिए भी बैठक करने को तैयार नहीं हैं, हम करीब 800-850 सांसदों के साथ बैठक कर रहे हैं।  सरकार से सवाल करने के कई तरीके हैं, सरकार चर्चा से भाग नहीं रही है।  दूसरी ओर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा की सरकार से शून्यकाल में सवाल किया जा सकता है।

कांग्रेस के सांसद अधीर रंजन चौधरी ने लोकसभा में कहा, “प्रश्नकाल एक स्वर्णिंम समय है लेकिन सरकार कह रहे है  कि कोरोनावायरस की वजह से प्रश्नकाल आयोजित नहीं किया जा सकता है, आप संसद की कार्यवाही संचालित करते हैं लेकिन सिर्फ प्रश्नकाल को खत्म कर रहे हैं।  आप लोकतंत्र का गला घोंटने की कोशिश कर रहे हैं।”

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