केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने आज नई दिल्ली में वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय का आधिकारिक रूप से कार्यभार संभाल लिया है। इस अवसर पर वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय के राज्य मंत्री जितिन प्रसाद, वाणिज्य विभाग के सचिव सुनील बर्थवाल और उद्योग एवं आंतरिक व्यापार संवर्धन विभाग (DPIIT) के सचिव राजेश कुमार सिंह सहित मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे।
बता दे की पीयूष गोयल ने वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय का कार्यभार आधिकारिक रूप से लगातार दूसरी बार संभाला है। कार्यभार संभालते ही श्री गोयल ने वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय के दोनों विभागों के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक की। इस बैठक में वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय में राज्य मंत्री श्री जितिन प्रसाद भी शामिल हुए। इस बैठक के दौरान वाणिज्य सचिव व DPIIT सचिव ने मंत्रालय के मौजूदा प्रस्तावों और गतिविधियों के बारे में संक्षिप्त जानकारी दी।
कार्यभार संभालने के अवसर पर श्री पीयूष गोयल ने एक बार फिर देश की सेवा करने का अवसर प्रदान करने के लिए प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के प्रति हार्दिक आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि पिछले एक दशक में प्रधानमंत्री मोदी के मजबूत विकासोन्मुखी शासन ने पूरे देश में प्रगति के मार्ग को प्रशस्त किया है और इस नींव पर निर्माण कार्य जारी रखना आवश्यक है।
गोयल ने निरंतर सहयोग के महत्व पर जोर दिया और निर्देश दिया कि आने वाले दिनों में बैठकों की एक श्रृंखला निर्धारित की जानी चाहिए ताकि उन विभिन्न नीतियों और गतिविधियों के बारे में गहन चर्चा की जा सके जिन्हें अंतिम रूप दिया जाना है।
अपना आभार और उत्साह व्यक्त करते हुए, श्री पीयूष गोयल ने कहा, “मैं पीएम मोदी के तीसरे कार्यकाल का हिस्सा बनकर प्रसन्न हूं और मुझे चुनने के लिए मुंबई उत्तर के लोगों का आभारी हूं। जैसे ही मैं कार्यभार संभालूंगा, मैं भारत और ग्राउंड जीरो के बारे में बहुत सारी नई योजनाओं को लेकर आपके पास आऊंगा।”
पीयूष गोयल ने कहा कि विभागों के बीच आत्मनिरीक्षण और बेहतर समन्वय की आवश्यकता है। श्री पीयूष गोयल ने अनुसंधान एवं विकास (आरएंडडी) के महत्व और शासन की सार्वजनिक निजी भागीदारी (पीपीपी) मॉडल को मजबूत करने पर जोर दिया।
उन्होंने अधिकारियों से ईमानदारी, गति, कौशल और पैमाने पर ध्यान केन्द्रित करने का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि निर्यात और घरेलू उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए स्थानीय मूल्य-वर्धन और निर्यात (स्केल) समिति और उत्पादन से जुड़ी प्रोत्साहन (पीएलआई) योजनाओं को उनकी पूरी क्षमता तक उपयोग किया जाना चाहिए।
अपने पिछले कार्यकाल की उपलब्धियों पर प्रकाश डालते हुए, श्री गोयल ने भारत से समग्र निर्यात में वृद्धि, विभिन्न मुक्त व्यापार समझौतों (एफटीए) पर हस्ताक्षर, देश में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) का महत्वपूर्ण प्रवाह आदि का हवाला दिया। आर्थिक विकास को गति देने और अंतर्राष्ट्रीय व्यापार को बढ़ावा देने के लिए नई प्रतिबद्धता के साथ, मंत्री ने वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय को नई ऊंचाइयों की ओर ले जाने की आशा व्यक्त की, यह सुनिश्चित करते हुए कि भारत की प्रगति स्थिर और समावेशी बनी रहे।
गोयल ने मंत्रालय के अधिकारियों को भारत की प्रगति सुनिश्चित करने के लिए गुणवत्ता को मंत्र बनाने के लिए प्रोत्साहित किया। श्री गोयल ने कहा कि निर्यात और आयात में आंकड़ों को समय पर साझा करना और पारदर्शिता निवेशकों को अधिक आत्मविश्वास के साथ निवेश करने के लिए प्रोत्साहित करेगी। उन्होंने कहा कि भारत एक अच्छी स्थिति में है और यह हमारी चुनौतियों को अवसरों में बदलने का सही समय है।