जो किसान आषाढ़ में आलसी रहता है,उस किसान का मामला बिगड़ जाता है, उसी प्रकार धर्म के क्षेत्र में आषाढ़ मास चातुर्मास की स्थापना का होता है, और दशलक्षण पर्व तक आते आते यह आधा माना जाता है, आप लोगों ने इस कोरोना काल में दशलक्षण पर्व का आनंद लिया कुछ परिवार जनों ने यंहा पर आकर धर्म आराधना की तो कुछ ने अपने अपने घरों में रहकर धर्म आराधना की और वृत उपवास भी किये। उपरोक्त उदगार मुनि श्री समतासागर जी महाराज ने शीतलधाम के विशाल प्रांगण से लाईव प्रवचन करते हुये व्यक्त किये।उन्होंने कहा कि
‘धर्म से जो तत्व की धारा आई है, उसे हम आगे बढ़ाएगे” तत्वार्थ सूत्र के व्यवहारिक पक्ष का स्वाध्याय जारी रहेगा, जिससे दैनिक जीवन उपयोग की बातें आप सभी के सामने आ सकें।
उन्होंने कहा कि हालांकि क्वार के दो माह है, इस वर्ष अतिरिक्त माह है, स्थापना पर हमने कहा था कि गर्मी के बाद जो किसान
आषाढ़ जो आलसी होता है, उस किसान का मामला बिगड़ जाता है। उसी प्रकार एक श्रावक यदि आषाढ़ के माह मे आलसी रहा और सावन के आते आते भाद्रपक्ष भी उसने आलस में गंवा दिया, तो उसके घर खुशी के दिये नहीं जलते, विदिशा में चातुर्मास का योग बना है, तो उसका लाभ लो और दिपावली के आते आते अपने गुणों के दिये जलाओगे तो आपके घर आंगन में खूब उजाला ही उजाला होगा।
उन्होंने कहा खांदू कालौनी बासवाड़ा राजस्थान से दो परिवार पधारे है, उनको आशीर्वाद देते हुये कहा कि 2017 में हमने वंहा पर चातुर्मास किया था वंहा की समाज की प्रशंसा करते हुये कहा कि एक धार्मिक वातावरण के साथ वंहा पर सभी ने धर्म लाभ उठाया था।
मुनि श्री ने कहा कि इस वर्ष हालांकि कोरोना काल है और सभी लोग घर पर बैठकर ही धर्म लाभ ले रहे है, और कुछ कार्यकर्ता यंहा शीतलधाम पर आकर सभी के लिये मोबाईल के माध्यम से लाभ दिला रहे है। उन्होंने सभी को आशीर्वाद देते हुये कहा कि पर्युषण पर्व पर विदिशा वालों ने और बाहर वालों ने खूब लाभ उठाया किसी ने घर बैठकर और किसी ने लाईव देखकर और कल आपने दीक्षा दिवस का भी लाभ उठाया है। मुनि श्री ने कहा कि पिछले समय जो स्वाध्याय जैन तत्ववोध का चल रहा था वह आगे निरंतर मिलेगा।श्री शीतलविहार न्यास विदिशा के प्रवक्ता अविनाश जैन ने बताया कि मुनि श्री द्वारा प्रतिदिन दो प्रश्न सोशल मीडिया के माध्यम से पूंछे जाते है जिसका लाभ विदिशा एवं विदिशा से बाहर के श्रद्धालु उठा रहे है।
संकलन अभिषेक जैन लुहाडिया रामगंजमंडी