मुज़फ़्फ़रनगर, उत्तर प्रदेश: परम पूज्य गणाचार्य श्री पुष्पदंत सागर जी महाराज ससंघ के पावन सानिध्य में धर्म नगरी प्रेमपुरी के जैन औषधालय प्रांगण में भक्तों द्वारा एक भव्य भक्तांबर महामंडल विधान का आयोजन बड़ी भक्ति भाव एवं अष्ट द्रव्य से प्रथम तीर्थंकर आदिनाथ भगवान की पूजा अर्चना करके भव्य मंडल पर 48 इन्द्र एव इन्द्राणीयों द्वारा श्रीफल का अर्घ चढाकर मनाया गया है।

प्रातः 7:30 बजे श्री शांतिनाथ मंदिर से भगवान आदिनाथ को पालकी में सभी इन्द्र एव इन्द्राणीयों द्वारा जैन औषघलाय में लाया गया । भगवान को गणाचार्य श्री पुष्पदन्त सागर जी महाराज के सानिध्य में पांडुक शिला पर विराजमान किया गया। प्रथम अभिषेक करने का परम सौभाग्य सौधर्म इन्द्र बनकर श्री राजन जैन डाo सुनील जैन एवं अन्य तीन इंद्र श्री मुकेश जैन श्री प्रीतुल जैन श्री अमित जैन सिद्धार्थ फर्नीचर को प्राप्त हुआ। भगवान की मुख्य शांतिधारा करने का परम सौभाग्य श्री प्रियंक जैन परिवार को प्राप्त हुआ। भक्तांबर महामंडल विधान में सम्मिलित हुए सभी इंन्द्रो ने भगवान का अभिषेक किया और शांति धारा देखने और सुनने का पुण्य प्राप्त किया। प्रथम तीर्थंकर आदिनाथ भगवान की शांतिधारा पूजन विधान गणाचार्य पुष्पदन्त सागर जी महाराज ने अपने मुखारविंद से कराकर जैन औषधालय प्रांगण को भक्तिमय बना दिया। अनेक वर्षों के बाद इतना सुंदर आयोजन करने का अवसर जैन समाज मुजफ्फरनगर को प्राप्त हुआ है।
आचार्य श्री ने प्रथम तीर्थंकर आदिनाथ भगवान की भक्ति में श्री मानतुंग आचार्य द्वारा लिखित भक्तांबर स्त्रोत के सभी 48 काव्य की शक्ति के बारे में बहुत ही सरल भाषा में समझा कर सभी को पुण्य अर्जन कराया।आचार्य श्री ने बताया कि मांगतुग आचार्य को राजा ने गलत बताते हुए 48 तालो के अंदर बंद करा दिया । मुनि मानतुंग आचार्य उपसर्ग समझकर ध्यान मुद्रा में बैठ गये एवं अपनी साधना में लीन हो गये। जेल में बन्द ही उन्होने भगवान आदिनाथ की भक्ति कर 48 काव्य की रचना की एक काव्य की रचना पूरी होने पर बंदी ग्रह का एक ताला खुल जाता था इस प्रकार 48 काव्य पूरे होने पर सभी ताले खुल गये। राजा ने मागतुंग आचार्य से क्षमा मांग कर अपनी गलती का प्रायश्चित किया और मानतुंग आचार्य के चरणों में नतमस्तक हो गये।

आज के इस आज के इस आयोजन में माननीय मंत्री कपिल देव जी सुनील तायल रोहित तायल ने भी महाराज श्री का आशीर्वाद लेकर कार्यक्रम को आगे बढ़ाया कार्यक्रम के दौरान श्री राजन जैन प्रवीण जैन सुनील जैन रोहित जैन प्रवीण जैन चीनू मनीष जैन अनुज जैन नितिन जैन अमित जैन मुकेश जैन प्रदीप जैन अनुज जैन अमूल जैन शैकी जैन एवं पुष्पदन्त सागर युवा मंडल सभी का पूर्ण सहयोग रहा।
मंच संचालन पुनीत जैन द्वारा किया गया । कार्यक्रम के उपरांत वर्षायोग समिति द्वारा सभी भक्तो के लिए जैन औषधालय प्रांगण में जलपान की उत्तम व्यवस्था भी की गई थी।