वैसे तो कई बातें हैं जो आज तक रहस्य हैं , उनमे से एक है भूत और प्रेत का अस्तित्व। कुछ का मानना है की यह होते हैं, वहीँ कुछ ऐसे भी लोग हैं जो इसे वहम का नाम देते हैं।
जानना यह ज़रूरी है की यह सच है या सिर्फ एक सोच ?
सवाल कई है जिनके जवाब आजतक कोई ढूंढ नहीं पाया है लेकिन बता दे की दिल्ली में ऐसी कई जगह हैं, जहाँ लोगो का दावा है की उन्होंने भूतों के होने का महसूस किया है। और यह ऐसा विषय है जो हम बचपन से कहानियों में और फिल्मों में देखते आये हैं।
तो कुछ जगह जहा ऐसी अफ़वाह और दावा दोनों ही हैं, उनके बारे में जानते हैं :
दिल्ली कैंट
ऐसे तो दिल्ली कैंट, आर्मी से भरा एक बेहद ही खूबसूरत इलाका है। और यह जगह सबको ही पसंद आती है, लेकिन यह जगह इतनी भी सही नहीं जितनी दिखती है। कई लोगों का मानना है की यहाँ एक बूढ़ी औरत सफ़ेद कपड़ो में लोगो से लिफ्ट मांगती है और अगर कोई नहीं रुका तो उनके गाड़ी के हीं तेज़ी से उनका पीछा करती है। इस बात में कितनी सच्चाई है वो तो आपको रात के वक़्त जा कर हीं पता चलेगी।
मलछा महल, बिस्तदारी रोड
इस महल को 700 साल पहले फ़िरोज़ शाह तुग़लक़ ने बनवाया था, और वह इसे अपने शिकारगृह की तरह इस्तेमाल करते थें। यह महल काफी सालों से बंद रहने के कारन खंडर बन चूका था, फिर भी एक अवध घराने की बेगम विलायत खान 1985 में अपने दो बच्चों, 12 कुत्ते और 5 नौकरों के साथ यहाँ रहने आयी थी। कहा जाता है की फिर वो कभी इस महल से बहार नहीं निकली और फिर 1993 में 10 सितम्बर के दिन उन्होंने आत्महत्या कर ली थी। उस दिन से आजतक यह महल वीरान है। लोगों का मानना है की बेगम की आत्मा आज भी वही मौजूद है।
हाउस नम्बर W -3, ग्रेटर कैलाश-1
इस मकान के आस पास रह रहे लोगों का कहना है की यहाँ से रात क वक़्त किसी के रोने और चींखने की आवाज़ें आती हैं। दरअसल बात ऐसी है की , यहाँ कुछ साल पहले एक दंपति की हत्या हुई थी जिनके लाश वहीँ उसी माकन की टंकी में मिले थे, तबसे यह मकान बंद है। और इसके आस पास के लोग इसे भूतिया बताते हैं।
द्वारका (सेक्टर-9), मेट्रो स्टेशन, द्वारका
यहाँ की कहानी में थोड़ा सा ट्विस्ट है , लोगों की माने तो यहाँ रात में काम करने वाले लोग जब लौटते है तो उन्हें थप्पड़ खाने को मिलते हैं। साथ ही साथ एक औरत लोगो की गाडी के आगे उनसे भी तेज़ जाती है और गायब हो जाती है। इस जगह पर काफी लोगों ने इस बात की शिकायत की है।
जमाली-कमाली का मकबरा और मस्जिद, महरौली
यह मस्जिद मेहरौली के आर्केलॉजिकल काम्प्लेक्स में है। यहाँ जमाली और कमाली का मकबरा है और कहा जाता है की, इसके आस पास लोगों को मुक्के और धक्के खाने को मिले हैं। इतना ही नहीं यहाँ से औरतों के रोने और चींखने की आवाज़ें आती है।
ख़ूनी नदी, रोहिणी
लोग इस जगह कम ही जाते हैं और लोगों का मानना है की, यह बहुत ही ज़्यादा भूतिया जगहों में से एक है। इसके भूतिया होने की वजह है यहाँ आये दिन मिलने वाली लाशें और आत्महत्या की खबरें। लेकिन सोच कर देखें जहा कोई नहीं जाता वहीं तो गुनाहों का पता नहीं चलता।
संजय वन
10 किलोमीटर में फैले इस जंगल ट्रेल में काफी हरियाली है। यह साउथ दिल्ली के किशनगढ़ और मेहरुअलि से बेहद नज़दीक है। यहाँ सभी का कहना है की , यहाँ से बच्चों की आवाज़ें आती हैं। लोगों का मानना है की यहाँ बच्चों की आत्माएं मौजूद हैं। लेकिन यहाँ लोग जाते है और बहुत से लोग इन बातों पर विश्वास नहीं करते।
अग्रसेन की बावली, कनॉट प्लेस
यहाँ से तो जुडी न जाने कितनी कहानिया है , काफी लोगों ने यहाँ भूतों के मौजूद होने की बात कही है। कहा जाता है की अब ये सुख तो चूका है लेकिन जब यहाँ काला पानी भरा रहता था तो यह लोगों को आत्महत्या के लिए उकसाता था और यहाँ कई लोगों ने आत्महत्या भी की है।
फिरोज़ शाह कोटला, विक्रमनगर
अन्धविश्वास या सच माने , क्यूंकि यहाँ लोगों का मानना है की इस जगह पर जिन्नो का बसेरा है। और लोग यहाँ हर शुक्रवार जिन्नो से दुआ मांगने आते हैं और कई जगहों पर दूध और कच्चे चावल भी रखे रहते हैं। यह भूतों का किला भी कहलाता है।
निकोल्सन कब्रगाह, सिविल लाइंस
कहते हैं की सन्नाटो में सुनी जाने वाली आवाज़ें अक्सर डरावनी ही होती हैं , लेकिन यहाँ यह सच है। इस जगह पर अंग्रेज़ो को दफनाया गया था और कहा जाता है की कोई भी इस जगह ऐसी शक्तियों को महसूस कर सकता है।
भूली भतियारी का महल, झंडेवालान
यह महल भी तुग़लक़ के ज़माने में एक शिकारगाह था। इसका नाम भूली भतियारी, इसकी देखभल करने वाली औरत के नाम पर रखा गया था। शाम क बाद यहाँ एक परिंदा भी नहीं आता और यहाँ से काफी अजीबो गरीब आवाज़ें अति हैं।
म्यूटिनी हाउस, कश्मीरी गेट
यह अंग्रेज़ो का बनवाया गया एक स्मारक है , जो की 1857 में शहीद हुए अंग्रेज़ों के लिए बनाया गया था। यह जगह भूतिया इसलिए है, क्यूंकि, लोगों का मानना हैं की उन शहीद हुए अंग्रेज़ों की आत्मा आज भी यहाँ मौजूद हैं।
ख़ूनी दरवाज़ा
इस नाम से ही अंदाज़ा लगाया जा सकता है की इस जगह क्या हुआ होगा या फिर कुचब तो हुआ होगा। यह वही जगह है जहाँ बहादुर शाह बेटों को अंग्रेज़ों ने गोली मारी थी। लोगों का मानना है की आज भी वो इस जगह भटकते हैं और अपने अपमान का बदला लेना चाहते हैं।