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कोरोना ने मचाया कोहराम: लेकिन लोग अब भी समझ रहे हैं इसे आम

देश में जहाँ अनलॉक  की प्रक्रिया शुरू होती जा रही है , वहीं इसका प्रकोप ख़त्म होने का नाम नहीं ले रहा।
लोग 169 केस के समय घरों में बंद थे, लेकिन अब बिना काम के भी खुले में घूम रहें है। बीते 24 घंटो में कोरोना से जुड़े 83,000 से ज़्यादा नए मामले दर्ज हुए हैं , साथ हीं साथ यह एक नया रिकॉर्ड बन चूका है ।

83,883 मामलों  के साथ , अब देश में कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्या 38,53,407 हो गई है। बीते 24 घंटे में 1,043 कोरोना से जुड़े मौत की खबर आयी है।  इस महामारी से अबतक 67,376 लोगों की जान जा चुकी है।

गुरुवार को केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा जारी किये गए आंकड़ों के मुताबिक, देश में कोरोना से संक्रमित 8,15,538 मरीजों का इलाज  चल रहा है और 29,70,493 लोग  ठीक हो चुके हैं।  महाराष्ट्र में 2,02,048 संक्रमण के नए मरीज सामने आए हैं जो कि देश में किसी राज्य में सबसे ज्यादा हैं।

चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग के अपर  मुख्य सचिव अमित मोहन प्रसाद का कहना है की जिन मरीज़ो की मौत किसी और वजह से  भी हो रही है और वह कोरोना संक्रमित है तो उन्हें भी कोरोना से हुई मौत में गिना जा रहा है।

ऐसे में लोग इस बीमारी को भूलते जा रहे हैं या कहे तो सावधानी बरतना  भूल चुके हैं , क्यूंकि सड़क पर फिर वही माहौल हैं और गलियों का हाल क्या हीं बताएं।  ख़बरों की माने तो लोगों को आगाह कम एंटरटेन ज़्यादा कर रहे हैं, अभी जहाँ लोग रोज़ाना कॉलर ट्यून सुनकर भी नहीं समझ रहे हैं , की सिर्फ ज़रूरी काम से हीं बहार जाएँ।
कई जगह वायरल हो रही वीडियो में आपने भी देखा होगा जहाँ लोग हंसी मज़ाक में  बाहर निकल रहे है, ट्रैवेलिंग से लेकर पार्टीज तक कर रहे है जो की शायद अभी इतनी ज़रूरी नहीं है।  सरकार द्वारा मना किये जाने के बावज़ूद शादियों में 50 से ज़्यादा मेहमान शामिल हो रहे हैं , जिनके कुछ नतीजे हम देख चुके हैं।
बहुत से कामों पर अब भी रोक लगाना अनिवार्य है , क्यूंकि लोग इस बीमारी को अब आम समझने लगे हैं।
डॉ. हर्षवर्धन ने ट्वीट के ज़रिये लोगो में जागरूकता फ़ैलाने का प्रयास किया है ,

कोरोना वायरस की वैक्सीन तैयार करने की प्रक्रिया में दुनियाभर के वैज्ञानिक लगे हुए हैं , कुछ वैक्सीन ह्यूमन ट्रायल के स्तर पर आ चुकी है। लेकिन कोरोना से ठीक हुए मरीज़ों में कई नयी बिमारियों ने हमला करना शुरू कर दिया है 100  में से 90 मरीज़ कई तरह सांस सम्बंधित बीमारी के शिकार हो रहे है और कइयों का लंग्स ट्रांसप्लांट भी कराया जा रहा है।

कई मरीज़ मानसिक परेशानियों से भी जूझ रहे हैं।  अगर आप  बचना चाहते हैं तो हर तरह की सावधानियों का पालन करें और इस महामारी को आम न समझें, कुछ पल के आनंद के लिए अपना जीवन संकट में न डालें।

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