नई दिल्ली: कांग्रेस ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा खुद को ओबीसी बताए जाने पर कहा कि मोदी समाज ना पहले ओबीसी था और ना आज है। कांग्रेस ने शुक्रवार को खुलासा करते हुए कहा कि 1 जनवरी, 2002 को गुजरात सरकार द्वारा आरक्षण के लिए जोड़ी गई जातियों के नोटिफिकेशन में कहीं भी मोदी समाज का जिक्र नहीं है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपनी जाति के नाम पर देश को गुमराह कर रहे हैं। मोदी ना पहले ओबीसी थे और ना आज हैं। मोदी जी सुपर अपर कास्ट से हैं।
नई दिल्ली स्थित कांग्रेस मुख्यालय में प्रेस वार्ता करते हुए गुजरात कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष व राज्य सभा सांसद शक्ति सिंह गोहिल ने कहा कि भाजपा बार-बार झूठ फैलाती है। लेकिन मोदी जी जन्म से ओबीसी नहीं हैं, यह सच्चाई है। गुजरात सरकार का नोटिफिकेशन दिखाकर भाजपा पर पलटवार करते हुए गोहिल ने कहा कि इस नोटिफिकेशन की तारीख 1 जनवरी, 2002 है, जब गुजरात के मुख्यमंत्री स्वयं नरेंद्र मोदी थे। नोटिफिकेशन के अनुसार नई जातियां जोड़ी गईं, उनमें घांची मुस्लिम, तेली, मोढ़ घांची, तेली साहू, तेली राठौर थीं। उन्होंने प्रश्न किया कि अगर 1999 में ये जातियां जोड़ी गईं थीं, तो गुजरात के मुख्यमंत्री ने 1 जनवरी, 2002 को ये नोटिफिकेशन क्यों निकाला।
गोहिल ने यह भी कहा कि 1 जनवरी, 2002 को जारी किए गए इस नोटिफिकेशन में कहीं भी मोदी समाज का जिक्र नहीं है। भगवद्गोमण्डल (गुजराती एंसाइक्लोपीडिया) के हिसाब से भी मोदी समाज पिछड़ी जाति में नहीं आता है। मोदी ना पहले ओबीसी थे और ना आज हैं।
शक्ति सिंह गोहिल ने तथ्यों का हवाला देते हुए कहा कि मोदी जी ने प्रधानमंत्री के ख्वाब देखने से पहले कभी नहीं कहा कि मैं घांची हूँ या पिछड़ी जाति से आता हूँ। गुजरात में मोदी के मुख्यमंत्री बनने के बाद मुंबई में मोदी समाज की बैठक में कहा गया कि हमारी सुपर अपर कास्ट मोदी से पहली बार मुख्यमंत्री बना है। इसे लेकर मैगजीन में बाकायदा विज्ञापन दिए गए, जिन्हें तत्कालीन मुख्यमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कभी नहीं नकारा। राहुल गांधी के खिलाफ केस करने वाले पूर्णेश मोदी ने सूरत कोर्ट में दिए दस्तावेज में स्पष्ट कहा था कि मोदी समाज के लोग मोढ़ वणिक (व्यापारी) हैं। वो सुपर अपर कास्ट व्यापारी वर्ग से हैं और अपने ट्रस्ट में घांची, तेली समाज के लोगों को मेंबर भी नहीं बनाते हैं। ये ऑन रिकॉर्ड, कोर्ट के रिकॉर्ड में आया और एक एक्सेप्टेड फैक्ट है, इसलिए मोदी न घांची हैं, न तेली हैं और न ही पिछड़ी जाति से हैं।
शक्ति सिंह गोहिल ने कहा कि पीएम मोदी अपनी जाति के नाम पर देश को गुमराह कर रहे हैं। गोहिल ने प्रधानमंत्री मोदी से सवाल पूछे कि अगर मोदी सबसे बड़े ओबीसी हैं तो अपने नाम के आगे मोदी घांची, मोदी तेली क्यों नहीं लिखते। 1 जनवरी, 2002 को जारी किए गए नोटिफिकेशन में कहीं भी मोदी समाज का जिक्र नहीं है। ऐसे में ये प्रधानमंत्री मोदी पर कैसे लागू होता है।
प्रधानमंत्री मोदी से सीधे सवाल करते हुए गोहिल ने कहा कि मोदी और आरएसएस के गुरु गोलवलकर एससी-एसटी आरक्षण के खिलाफ थे, क्या मोदी उनसे सहमत हैं या नहीं। 1978 में जब कर्पूरी ठाकुर 26 प्रतिशत का आरक्षण लाए, तब जनसंघ ने उसका विरोध किया था; उस पर मोदी का क्या मत है। 1981 में गुजरात में ओबीसी वर्ग के लिए 21 प्रतिशत आरक्षण आया, तब भी एबीवीपी व भाजपा ने उसका विरोध किया था, क्या मोदी इस पर सहमत हैं।