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आचरण को अपने जीवन में उतारने की कला हमने आचार्यश्री से सीखी: मुनिश्री अभय सागर जी

53 दीपों से महाआरती कर मनाया आचार्यश्री का दीक्षा दिवस, आगरा सांसद भी हुए शामिल, संयम को कहीं भी फिट कर दें तो परिभ्रमण से बच सकते हैं

अशोकनगर (मध्य प्रदेश): मुनिश्री अभय सागर जी महाराज ने धर्मसभा को संबोधित करते हुए कहा आचरण को अपने जीवन में उतारने की कला हमने आचार्यश्री से सीखी है। आचार्यश्री के दीक्षा के 52 साल पूर्ण हो गए। मनोरंजन के लिए एक खेल खेलते हैं उसमें 52 पत्ते होते है। इसके अलावा एक जोकर भी होता है, उसे कही भी फिट कर सकते है। बाजी आपके पास आ जाती है। इसी प्रकार यदि संयम रूपी जोकर को आप यहां भी फिट कर दे तो परिभ्रमण से बच सकते हैं।

आचार्यश्री विद्या साग जीर महाराज का 53वां दीक्षा दिवस गंज मंदिर पर मनाया। इस दौरान 53 दीपों से महाआरती की गई। कार्यक्रम के दौरान आगरा सांसद भी पहुंचे जिन्होंने मुनि संघ से आशीष लिया। समाज की ओर से सांसद का सम्मान किया गया।

यूपी के पूर्व पशुपालन मंत्री व आगरा सांसद एसपी सिंह बघेल ने कहा मुझे अशोकनगर की माटी खींच लाती है। आचार्यश्री जब 1979 में थूबोनजी आए थे तब ट्रक में थूबोनजी जाते थे। थूबोनजी कमेटी के विपिन सिंघई, विजय धुर्रा ने सांसद को स्मृति चिन्ह भेंट किए।

संकलन:  अभिषेक जैन लुहाडीया रामगंजमंडी

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