अयोध्या – भगवान राम की जन्मस्थली और भारतीय सभ्यता के गहरे आध्यात्मिक महत्व का स्थल अयोध्या डिजिटल कायाकल्प और तकनीकी उत्कर्ष का अनुभव कर रहा है। जब से प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने शहर में भव्य श्री राम जन्मभूमि मंदिर की आधारशिला रखी है, तब से इस शहर ने विकास के एक नए युग की ओर कदम बढ़ा दिया है।
अयोध्या पहले से ही बुनियादी ढांचे के पुनरुत्थान के बीच में है। इस शहर को आध्यात्मिक केंद्र, वैश्विक पर्यटन केंद्र और भव्य स्मार्ट सिटी के रूप में विकसित किया जा रहा है। शहर में एक आगामी ग्रीनफील्ड टाउनशिप की भी योजना बनाई जा रही है जिसमें भक्तों के लिए आवास सुविधाएं, आश्रमों, मठों, होटलों, विभिन्न राज्यों के भवनों के लिए जगह शामिल होगी। एक पर्यटक सुविधा केंद्र, एक विश्व स्तरीय संग्रहालय भी बनाया जाएगा। सरयू नदी और उसके घाटों के आसपास बुनियादी ढांचे के विकास पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है। सरयू नदी पर क्रूज संचालन को भी नियमित सुविधा बनाया जाएगा। प्रधानमंत्री ने अयोध्या को एक ऐसा शहर बताया है जो हर भारतीय की सांस्कृतिक चेतना में बसा हुआ है। अयोध्या में हमारी सर्वोत्तम परंपराएं और सर्वोत्तम विकासात्मक बदलाव दिखना चाहिए। साथ ही, अयोध्या को प्रगति के अगले चरण में पहुंचाने का क्षण भी अब आ गया है। यह शहर वह स्थान बन रहा है जहां परंपराओं का तकनीकी प्रगति से जुड़ाव हो रहा है और जहां आध्यात्मिकता डिजिटल प्रगति से मिल रही है।
अयोध्या में डिजिटल लेनदेन का चलन बढ़ा
अयोध्या में अभी बड़े स्तर पर निर्माण कार्य चल रहा है। वहां की सड़कों को चौड़ा किया जा रहा है और बहुस्तरीय कार पार्क सहित कई बुनियादी ढांचा परियोजनाएं निर्माणाधीन हैं, मंदिरों का नवीनीकरण किया जा रहा है तथा सरयू नदी पर घाटों को बेहतर बनाया जा रहा है। इस तरह शहर के कायापलट से वहां आर्थिक गतिविधियों में तेजी आई है, कभी शांत रहे शहर में अभी चहल-कदमी बढ़ गई है। सरयू नदी पर नाव चलाने वाले नाविकों से लेकर हनुमान गढ़ी में फूल और प्रसाद बेचने वाले विक्रेताओं तक, सभी शहर में तेजी से डिजिटल भुगतान करते दिख रहे हैं। सरयू नदी के तट पर लगभग 100 नाविकों में से एक अन्नू मांझी ने कहा कि डिजिटल भुगतान ने मेरे जीवन को आसान बना दिया है क्योंकि खुदरा पैसे के लिए इधर-उधर भागना नहीं पड़ता है। पैसा सीधे यूपीआई के माध्यम से मेरे बेटे के बैंक खाते में जाता है, जो हमारे लिए बहुत राहत की बात है।
पूरे अयोध्या में डिजिटल लेनदेन की ओर बदलाव स्पष्ट देखा जा सकता है। नदी के किनारे पूजा सामग्री बेचने वाले दुकानदार श्री रामधन यादव क्यूआर कोड के माध्यम से भुगतान स्वीकार करते हैं, जिससे विक्रेताओं और ग्राहकों दोनों के लिए लेनदेन आसान हो जाता है। उन्होंने एक घटना का जिक्र करते हुए बताया, जब एक ग्राहक ने पूजा के सामान के लिए 100 रुपए का नोट दिया तो उन्होंने क्यूआर कोड की ओर इशारा करते हुए कहा कि कृपया ऑनलाइन भुगतान करें क्योंकि मेरे पास खुले पैसे नहीं हैं, ग्राहक ने बात मानी और चेहरे पर मुस्कान लेकर दुकान से चला गया।
शाम की आरती के दौरान कनक भवन तक में काउंटरों पर क्यूआर कोड के माध्यम से दान आसानी से किया जाता है, जिससे भक्तों के लिए प्रक्रिया सरल हो जाती है। श्री राम जन्मभूमि मंदिर में, 2,000 रुपए तक का योगदान नकद रूप में किया जा सकता है, लेकिन इससे अधिक का योगदान ऑनलाइन ही किया जा सकता है, जो कि क्यूआर कोड के माध्यम से निर्बाध रूप से सुविधाजनक है।
अयोध्या कैंट के सदर बाजार इलाके में रहने वाले 40 वर्षीय मोहम्मद राशिद खान के मुताबिक, यूपीआई ने उनमें एक नया आत्मविश्वास पैदा किया है। उन्होंने कहा कि नकदी संभालना एक सिरदर्द था क्योंकि दैनिक सामान खरीदते समय कम पैसे की जरूरत होने पर खुदरा पैसा ढूंढना हमेशा एक समस्या थी। अब डिजिटल भुगतान के साथ, वह सिरदर्द दूर हो गया है और पैसा मेरे बैंक खाते में तुरंत और सुरक्षित रूप से पहुंच जाता है।
डिजिटल अर्थव्यवस्था की ओर भारत का प्रयास
डिजिटल भुगतान की ओर यह बदलाव सरकार की विकसित भारत संकल्प यात्रा (वीबीएसवाई) के अनुरूप है, जिसका उद्देश्य आयुष्मान भारत, उज्ज्वला योजना, पीएम सुरक्षा बीमा, पीएम स्वनिधि जैसी प्रमुख केंद्रीय योजनाओं के बारे में जागरूकता को बढ़ावा देना है। डिजिटल लेनदेन को बढ़ावा देना सरकार के ‘डिजिटल इंडिया’ दृष्टिकोण के अनुरूप भी है।
सभी हितधारकों के साथ सरकार के समन्वित प्रयासों के परिणामस्वरूप हाल के वर्षों में डिजिटल भुगतान में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है। केंद्रीय वित्त राज्य मंत्री डॉ भागवत किसनराव कराड ने बताया कि कुल डिजिटल भुगतान लेनदेन की संख्या वित्तीय वर्ष 2017-18 में 2,071 करोड़ से बढ़कर वित्तीय वर्ष 2022-23 में 13,462 करोड़ हो गई है, जो कि 45 प्रतिशत की चक्रवृद्धि वार्षिक वृद्धि दर है। मौजूदा वित्त वर्ष में (01 अप्रैल, 2023 से 26 दिसंबर, 2023 तक) कुल 12,020 करोड़ डिजिटल लेनदेन हुए हैं। 26 जुलाई, 2023 तक देश में 14.92 लाख से अधिक भीम आधार भुगतान पीओएस लगाए गए हैं। 26 जुलाई तक 33.69 करोड़ से अधिक भौतिक और मोबाइल पीओएस तैनात किए गए हैं। डीडी न्यूज़ की रिपोर्ट के अनुसार, 7,000 करोड़ रुपए से अधिक का डिजिटल लेनदेन हुआ है। डिजिटल लेनदेन एक नए विकसित भारत का प्रतीक बन गया है और जैसा कि प्रधानमंत्री मोदी ने कहा था कि डिजिटल पैसा गरीबों को सशक्त बनाएगा।
अयोध्या 23 जनवरी, 2024 को श्री राम जन्मभूमि मंदिर के भव्य उद्घाटन के लिए तैयार है। ऐसे में यह शहर न केवल बुनियादी ढांचे के रूप में बल्कि दुनिया भर से तीर्थयात्रियों और पर्यटकों के स्वागत के लिए डिजिटल रूप से भी तैयार है। भौतिक शांति और आध्यात्मिक सांत्वना का जुड़ाव आगंतुकों को समय से परे अनुभव प्रदान करने और तकनीकी सुविधा के साथ आध्यात्मिकता का बेहतरीन अनुभव प्रदान करने का वादा करता है, जो कि अयोध्या के असाधारण पुनर्जागरण का प्रमाण है।